नयी दिल्ली, 19 मई खनन पर निर्भर इकाइयों का शीर्ष संगठन गोवा माइनिंग पीपुल्स फ्रंट ने बुधवार को कहा कि भीषण चक्रवाती तूफान ताउते से हुए विध्वंस से राज्य की दिक्कतें और बढ़ने के साथ उसने उच्चतम न्यायालय से गोवा में खनन तत्काल बहाल करने की अपील की है।
गौरतलब है कि 2018 में उच्चतम न्यायालय के खनन के 88 पट्टे रद्द करने के साथ गोवा में खनन पर रोक लग गयी थी।
संगठन ने एक बयान में कहा, "गोवा माइनिंग पीपुल्स फ्रंट (जीएमपीएफ) के तत्वाधान में गोवा के ग्राम पंचायतों ने उच्चतम न्यायालय से राज्य में खनन को तत्काल बहाल करने की अपील की है क्योंकि राज्य एक बुरी स्थिति और असाधारण परिस्थितियों का सामना कर रहा है।"
दक्षिण गोवा की रिवोना पंचायत के सरपंच सूर्य नाइक ने कहा कि हाल में आए चक्रवात से गोवा में विध्वंस हुआ और लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा।
उन्होंने कहा, "हमें लगता है कि खनन तत्काल बहाल करना लोगों की जिंदगियों को दोबारा पटरी पर लाने के लिए बेहद जरूरी है।"
जीएमपीएफ के अध्यक्ष पी गांवकर ने कहा कि कोविड महामारी की दूसरी लहर ने गोवा के लोगों की दिक्कतें और बढ़ा दीं और राज्य के लोग खासकर खनन क्षेत्रों में रहने वाले लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। उन्हें भोजन एवं दवाइयों जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी करने में दिक्कत हो रही है।
उन्होंने कहा कि इसलिए विभिन्न समुदाय के हितों को ध्यान में रखते हुए राज्य में खनन तत्काल बहाल करने के अंतरिम निर्देश से लोगों को राहत मिलेगी।
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