लाइव न्यूज़ :

ब्लॉग: बुद्धि और समृद्धि के देवता हैं विघ्नहर्ता गणेश

By योगेश कुमार गोयल | Updated: September 19, 2023 09:09 IST

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेशजी का जन्म हुआ था। इसी चतुर्थी से आरंभ होकर गणेशोत्सव पूरे दस दिनों तक चलता है और विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

Open in App
ठळक मुद्देहिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत 19 सितंबर को हो रही हैपौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेशजी का जन्म हुआ थाचतुर्थी से आरंभ होकर गणेशोत्सव पूरे दस दिनों तक होता है, विघ्नहर्ता गणेश की पूजा की जाती है

प्रतिवर्ष की भांति मंगलमूर्ति गणेश एक बार फिर गणेशोत्सव अर्थात गणेश चतुर्थी के अवसर पर घर-घर पधार रहे हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेशजी का जन्म हुआ था। इसी चतुर्थी से आरंभ होकर गणेशोत्सव पूरे दस दिनों तक चलता है और विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर्व की शुरुआत 19 सितंबर को हो रही है और गणपति विसर्जन 28 सितंबर को किया जाएगा। गणेश चतुर्थी के अवसर पर घरों में छोटी-बड़ी प्रतिमाओं के अलावा कई प्रमुख स्थानों पर भी भगवान गणेश की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं, जिनका लगातार नौ दिनों तक पूजन किया जाता है।

दस दिन पश्चात अनंत चतुर्दशी के दिन पूरे जोश के साथ गणेश प्रतिमा को तालाब इत्यादि किसी जलस्रोत में विसर्जित कर दिया जाता है। गणपति विसर्जन को लेकर मान्यता है कि हमारा शरीर पंचतत्व से बना है और एक दिन उसी में विलीन हो जाएगा। इसी आधार पर अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन किया जाता है।

वैसे तो गणेशोत्सव देशभर में मनाया जाता है और लोग अपने घरों में गणपति बप्पा की पूजा करते हैं लेकिन महाराष्ट्र में इस पर्व की विशेष धूम दिखाई देती है। जगह-जगह बड़े-बड़े आकर्षक पंडाल सजाए जाते हैं, जहां लोग एकजुट होकर भक्ति रस में सराबोर होकर भगवान गणेश की पूजा करते हैं।

महाराष्ट्र में गणेशोत्सव की परंपरा की शुरुआत के संबंध में कहा जाता है कि यह शुरुआत पेशवाओं द्वारा की गई थी और तब पुणे के प्रसिद्ध शनिवारवाड़ा नामक राजमहल में भव्य गणेशोत्सव मनाया जाता था। सार्वजनिक रूप से महाराष्ट्र में गणेशोत्सव को बड़े पैमाने पर मनाए जाने की शुरुआत 1893 में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान बाल गंगाधर तिलक द्वारा आजादी की लड़ाई में लोगों को एकजुट करने के उद्देश्य से की गई थी।

गणेश बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता हैं और मान्यता है कि गणेश चतुर्थी पर गणपति बप्पा की पूजा करने से वे भक्तों के सारे कष्ट हर लेते हैं। सच्चे मन से उनकी पूजा करने से शुभ-लाभ की प्राप्ति तथा समृद्धि के साथ धन-धान्य की वृद्धि होती है।

हिंदू धर्म में गणेशजी को सभी देवों में सर्वप्रथम स्थान प्राप्त है और प्रत्येक पूजा या कोई भी शुभ कार्य करने से पहले उनकी पूजा करने का विधान है। दरअसल उन्हें उनके पिता भगवान शिव ने ही यह विशेष वरदान दिया था कि हर पूजा या शुभ कार्य करने से पहले उनकी पूजा अनिवार्य होगी।

टॅग्स :गणेश चतुर्थीगणेश चतुर्थी उत्सवगणेश चतुर्थी पूजा
Open in App

संबंधित खबरें

क्राइम अलर्टHassan Ganesh Procession Tragedy: श्रद्धालुओं को कुचलते निकल गया ट्रक, 9 की मौत और 20 घायल, जान गंवाने वालों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये का मुआवजा

क्राइम अलर्ट15 डीजे पर 5.04 लाख रुपये का जुर्माना, गणेश प्रतिमा विसर्जन जुलूस में तेज आवाज में संगीत पर डांस

ज़रा हटकेVIRAL: गणेश जी को पानी में मत डालो, डूब जाएंगे, इमोशनल कर देने वाला वीडियो वायरल

भारतगणेश प्रतिमा विसर्जनः 4 डूबे और 13 अन्य लापता, महाराष्ट्र में गणेश उत्सव के समापन को लेकर उमड़े लोग

भारतVIDEO: हैदराबाद में 69 फीट ऊंचे गणपति बप्पा का विसर्जन, ढोल-नगाड़ों की धुन पर थिरकते भक्त, देखें वीडियो

पूजा पाठ अधिक खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 06 December 2025: आज आर्थिक पक्ष मजबूत, धन कमाने के खुलेंगे नए रास्ते, पढ़ें दैनिक राशिफल

पूजा पाठPanchang 06 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय

पूजा पाठAaj Ka Rashifal 05 December 2025: आज 4 राशिवालों पर किस्मत मेहरबान, हर काम में मिलेगी कामयाबी

पूजा पाठPanchang 05 December 2025: जानें आज कब से कब तक है राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय