उत्तर प्रदेश के एक व्यापारी ने पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और विधायक बेटे अमनमणि त्रिपाठी पर जमीन कब्जा करने का आरोप लगाया है। व्यापारी आयुष सिंघल का कहना है कि बाप-बेटे ना केवल उसकी लखनऊ स्थित करीब 22.2 बीघा जमीन कब्जा कर रहे हैं बल्कि अमनमणि उसे धमकी भी दे रहे हैं। यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखनाथ मंदिन में लगे हालिया जनता दरबार में उठा था। लेकिन सीएम उल्टे व्यापारी पर ही भड़क गए थे। उन्होंने उठाकर आयुष की अर्जी फेंक दी और जमकर खरीखोटी भी सुनाई। साथ में उसे कोई कार्रवाई ना होने की धौंस भी देते गए।
मामला मीडिया जगत में आने के बाद बुधवार को आयुष मामले में डीएम कौशल राज ने सफाई दी। उन्होंन कहा कि इस मामले की सुनवाई पहले से ही अदालत में है। मामला पेचींदा है। अभी तक जमीन का सभी सहखाताधारकों ने बंटवारावाद ही न्यायालय में दाखिल नहीं किया है। ऐसे में जमीन का बंटवारा ही अभी नहीं हो पाया है। इसलिए मामले में कोई साफ कार्रवाई नहीं पा रही है। यहां यह जान लेना जरूरी है कि अमरमणि त्रिपाठी और हालिया जमीन कब्जाने और धमकी देने के आरोपी निदर्लीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी हैं कौन-
काला इतिहास है अमरमणि त्रिपाठी का
अमरमणि त्रिपाठी और उसकी पत्नी मधुमति त्रिपाठी इस वक्त जेल में हैं। उन्हें कोर्ट ने एक महिला की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वह महिला कथित तौर पर अमरमणि त्रिपाठी की प्रेमिका थी और सात महीने की गर्भवती थी। वह महिला कोई ऐरी-गैरी औरत नहीं थी, बल्कि प्रदेश की कविता जगत की उभरती हुई नाम, 24 वर्षीय मधुमिता शुक्ला थीं।
अमरमणि एक ठीक-ठाक मध्यमवर्गीय परिवार के बिगड़ैल बेटा था। उसने साल 1996 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता। लेकिन साल 1997 में उसने लोकतांत्रिक कांग्रेस पार्टी में शामिल होते हुए यूपी की कल्याण सिंह सरकार में मंत्री बन गया। लेकिन साल 2001 में राहुल गुप्ता नाम के एक बच्चे के किडनैपिंग में लिप्त रहने और जेल जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार ने अमरमणि से किनारा कर लिया। (जरूर पढ़ें- नेताओं के सेक्स स्कैंडल 1: जगजीवन राम के बेटे की सेक्स करते तस्वीर और मेनका गांधी की रिपोर्टिंग)
यहां पर जब अमरमणि के आपराधिक रिकॉर्ड बाहर आए तो पता चला कि उसके गृह जिले महाराजगंज के अलग-अलग थानों पर करीब 33 आपराधिक मामले पहले से दर्ज हैं। वह एक लिखित बदमाश था। बाद में राजनीति में आकर अपने आरोपों को छिपाता था। लेकिन जब बीजेपी ने किनारा किया तो वह अकेला पड़ गया।
इतनी चकाचौंध की जिंदगी बिताते हुए इसी बीच अमरमणि को कथित तौर पर एक खूबसूरत मंचों पर कविता पढ़ने वाली युवा कवित्री मधुमिता शुक्ला से प्यार हो गया। और साल 2003 के मई महीने में मधुमिता की हत्या कर दी गई। जब वे मरीं तो सात महीने की गर्भवती थीं। बच्चे के डीएनए से अमरमणि का मैच किया। और न्यायालय ने साल 2007 में उसे उम्रकैद की सजा सुना दी। लेकिन उसी वक्त जेल से अमरमणि साल 2007 चुनाव निर्दलीय लड़ा और जीत लिया। (जरूर पढ़ें- नेताओं के सेक्स स्कैंडल 2: जब एक जाली सेक्स सीडी ने खत्म कर दिया नरेंद्र मोदी के प्रतिद्वंद्वी का राजनीतिक करियर)
लेकिन उम्रकैद के चलते साल 2012 में जब राजनीति समाप्त होने को आई तो बेटे के लिए समाजवादी पार्टी के टिकट की व्यवस्था करा दी और जेल के अंदर से ही एक वीडिया मैसेज बाहर भिजवाने में सफल रहा और बेटा चुनाव जीतने में सफल रहा। और इस तरह से एक हीस्ट्रीसीटर ने प्रदेश की राजनीति पर कई सालों तक राज किया। अब जमीन कब्जाने के भी आरोप लग रहे हैं।
अमनमणि त्रिपाठी: बेटा-बाप पर भारी
अमरमणि त्रिपाठी की तरह बेटा अमनमणि त्रिपाठी धाकड़ नेता तो नहीं बन पाए जो अपने बाहुबल के दम पर सरकार बनाने गिराने का माद्दा रखता हो। लेकिन प्यार करने, फिर प्यार की हत्या का आरोप लगने में बेटा, बाप पर भारी निकला। साल 2012 में सपा से और साल 2017 में निर्दलीय विधायकी जीतने वाले अमनमणि त्रिपाठी पर हालिया जमीन कब्जाने, धमकी देने के आरोपों के अलावा अपनी पत्नी को मौत के घाट उतारने के भी आरोप हैं। अमनमणि ने मामले में हत्या, साजिश, दहेज उत्पीड़न और सुबूत मिटाने के आरोपों को अदालत में स्वीकारा भी है। लेकिन उसकी कई परतें बनीं। (जरूर पढ़ें- नेताओं के सेक्स स्कैंडल 3: वरुण गांधी को तबाह कर दिया सेक्स क्लिप ने, UP के CM बनने का देखा था ख्वाब)
कहानी एक हाई सोसाइटी में पली-बढ़ी हीरोइन बनने के ख्वाब देखने वाली सारा सिंह और बाहुबली विधायक के स्मार्ट बेटे अमनमणि त्रिपाठी लखनऊ में हुई एक मुलाकात से शुरू हुई। आम युवा की तरह दोनों में रोमांस बढ़ा। लेकिन पिता अमरमणि त्रिपाठी इन सब पचड़ों में पीएचडी कर चुके थे, इसलिए उन्होंने साफ-साफ अमनमणि मना कर दिया। मिलने-जुलने पर भी प्रतिबंध लगाने लगे। नतीजतन, उनकी मर्जी के खिलाफ अमन ने जुलाई 2013 में लखनऊ के अलीगंज स्थित एक आर्यसमाज मंदिर में सारा सिंह से शादी कर ली।
लेकिन घरवालों ने उसे नहीं स्वीकारा। लंबी नाराजगी के बाद एक दिन अचानक अमरमणि ने बहू को घर लाने को कहा। इतनी बड़ी नाराजगी ऐसे गायब हो गई जैसे किसी फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़कर जीवन जिया जा रहा हो। और फिर 9 जुलाई 2015 को वही हुआ, जो फिल्मों में दिखाया जाता है। सारा सिंह पति अमनमणि संग दोपहर में कार से लखनऊ से दिल्ली जा रही थीं। तभी टीवी पर अचानक रोते हुए अमनमणि का वीडियो वायरल हो गया, जिसमें वह अपनी पत्नी को खोने से आहत थे। मामला सड़क हादसे का बताया गया। लेकिन चार दिन नहीं बीता कि सारा के पूरे परिवार ने अमनमणि को हत्यारा बता दिया। मामले को समझने में पुलिस, फोरेंसिक एक्सपर्ट्स के हाथ-पांव फूल गए। (जरूर पढ़ें- नेताओं के सेक्स स्कैंडल 4: महिला ने प्लास्टिक की थैली में रखे थे यूज्ड कंडोम, खत्म हो गया था BJP के ताकतवर नेता का करियर)