नेताओं के सेक्स स्कैंडल 4: महिला ने प्लास्टिक की थैली में रखे थे यूज्ड कंडोम, खत्म हो गया था BJP के ताकतवर नेता का करियर
By खबरीलाल जनार्दन | Published: April 2, 2018 07:28 AM2018-04-02T07:28:30+5:302018-04-03T04:41:40+5:30
आज कहानी बीजेपी नेता ध्रूव नारायण सिंह की उस प्रेम त्रिकोण की, जिसमें सेक्स सीडी भी है, प्लास्टिक की थैलियों में रखे कंडोम और उनके इस्तेमाल होने की तारीखें भी हैं।
केद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) एक आत्महत्या के मामले की छानबीन कर रही थी। इसी दौरान उनके हाथ एक डायरी लगी। डायरी में घटना कुछ यूं बयां किया गया था, "उसे उसके घर के सामने गोली मार दी गई है। मैं इसको लेकर सुबह से ही परेशान थी। अली ने आज 11:15 बजे फोन कर के कहा कि मुबारक हो साहिब। हमने उसके घर के सामने ही काम कर दिया। उसके मरने की पुष्टि करने के लिए मैंने अपने एक कर्मचारी को शहला के घर भेजा। उसके बाद मुझे सुकून मिला।"
यह जाहिदा परवेज के डायरी के पन्ने की 16 अगस्त, 2011 की बयानी है। इसी दिन मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद को उनके घर के सामने गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। और इस घटना ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बिहार के पूर्व राज्यपाल गोविंद नारायण सिंह के तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) प्रदेश उपाध्यक्ष बेटे ध्रुव नारायण सिंह का राजनैतिक करियर खत्म कर दिया।
नेताओं सेक्स स्कैंडल सिरीज में मैं आपको राजनीति की उन सच्ची घटनाओं से रूबरू करा रहा हूं, जिन्होंने तत्कालीन राजनीति की दिशा ही बदल दी। अब तक मैंने आपको बताया-
- नेताओं के सेक्स स्कैंडल 1: बेटे सेक्स स्कैंडल ने चकनाचूर कर दिया था जगजीवन राम का पीएम बनने का सपना
- नेताओं के सेक्स स्कैंडल 2: जब एक जाली सेक्स सीडी ने खत्म कर दिया नरेंद्र मोदी के प्रतिद्वंद्वी का राजनीतिक करियर
- नेताओं के सेक्स स्कैंडल 3: वरुण गांधी को तबाह कर दिया सेक्स क्लिप ने, UP के CM बनने का देखा था ख्वाब
और आज कहानी बीजेपी नेता ध्रूव नारायण सिंह की उस प्रेम त्रिकोण की, जिसमें सेक्स सीडी भी है, प्लास्टिक की थैलियों में रखे कंडोम और उनके इस्तेमाल होने की तारीखों की डिटेल भी है, भाड़े के शूटर और एक महिला का खूनी अंत भी है।
बीजेपी नेता ध्रुव नारायण सिंह का सेक्स स्कैंडल
घटना 16 अगस्त, 2011 की है। देश की मशहूर आरटीआई कार्यकर्ता शहला मसूद की भोपाल स्थित उनके घर के बाहर कार के भीतर बंदूक की गोली से घायल लाश मिली। प्रदेशों की पुलिस आमतौर पर ऐसे मामलों में वक्त जाया नहीं करती। उसके पास हजारों काम होते हैं। इसलिए मौके की नजाकत को समझते हुए उन्होंने मामले को आत्महत्या बता दिया। लेकिन पुलिस, जनता और स्थानीय मीडिया सबको पता था कि मामला आत्महत्या का नहीं है।
इसके बाद प्रदेश में बढ़ रहे हो-हल्ले से निपटने के आसान तरीके को अपनाते हुए एमपी सरकार ने सीबीआई जांच के लिए पत्र लिख दिए। तब केंद्र और राज्य की सरकारें अलग पार्टियों की थीं। सिफारिश आते ही 19 अगस्त, 2011 को सीबीआई मामला अपने हाथ में लिया। सीबीआई ने दो परतें खोली ही कि तथ्य निकल कर सामने आया लव ट्रैंगल। इसमें बीजेपी नेता ध्रुव नारायण सिंह के प्यार को प्यासी जाहिदा परवेज ने अपनी प्रतियोगी प्रेमिका शहला मसूद की हत्या करा दी थी। लेकिन इस वारदात को अंजाम देने और इसके आगे-पीछे की कहानी ने लोगों को चौंका दिया। जिसमें सबसे अहम भूमिका जाहिदा की दैनंदिनी नोट की गई डायरी ने निभाया।
इस्तेमाल हुए कंडोम और इस्तेमाल होने की तारीख
मामले की जांच-पड़ताल कर रहे तत्कालीन सीबीआई संयुक्त निदेशक केशव कुमार की टीम को जाहिदा के एमपी नगर स्थित ऑफिस से 29 फरवरी, 2012 को एक डायरी मिली। इसमें हत्या के बाद मिले सुकून के बारे में लिखी गई बात मैंने ऊपर बताई है। इसके अलावा डायरी में अपने और ध्रुव के साथ यौन संबंधों की डिटेल, एक सीडी, प्लास्टिक की थैलियों में इस्तेमाल करने की तारीखों के साथ रखे गए कंडोम, प्लास्टिक की ही थैली में रखे बालों का एक गुच्छा भी मिला। घटना वाले दिन की बयानी के पीछे के पन्ने पढ़ने पर यह अंदाजा लगता है कि इस तरह की वारदात को अंजाम देने की नौबत क्यों आई।
क्या है जाहिदा परवेज का बैकग्राउंड, कैसे हुआ बीजेपी नेता से प्यार
35 वर्षीया जाहिदा भोपाल के पॉश इलाके एमपी नगर में ऑफिस बनाकर अपनी आर्किटेक्ट की कंपनी चलाती थीं। उनकी पृष्ठभूमि यह है कि वे जबलपुर में पली बढ़ीं। साल 1997 में उनकी शादी असद परवेज से हुई। तब तक वो इंटीरियर डेकोरेशन की पढ़ाई करने वाली एक महत्वकांक्षी छात्रा थीं। उनके पति अमेरिका से इंजीनियरिंग प एमबीए कर के लौटे थे। उन्होंने पत्नी की महत्वकांक्षा को देखते हुए भोपाल में उनकी आर्किटेक्चर कंपनी शुरू करा दी। उनका इसका बिल्कुल अंदाजा नहीं था कि यह कंपनी उनका घर उजाड़ देगी।
कंपनी शुरू होते ही जाहिदा की उठक-बैठक बीजेपी के रसूखदार और ताकतवर कहे जाने वाले नेता ध्रुव नारायण सिंह के साथ होने लगी। कुछ ही दिन बीते थे कि जाहिदा की कंपनी के पास हाइवे किऑस्क का ठेका आ गया। बताते हैं इसके लिए ध्रुव नारायण सिंह ने अपने राजनीति के दोस्तों से दुश्मनी मोल ले ली थी। लेकिन ठेका जाहिदा की कंपनी के पास ही आया। यही पर प्रेम का प्रस्फुटन हुआ। साल 1999 यानी दो साल तक सब ठीक चला। लेकिन साल 2000 में एक ओर जाहिदा से उनके पति दूरी बनाने लगे। दूसरी ओर ध्रुव नारायण सिंह की जिंदगी में एक और महिला की एंट्री हो गई, जिसका नाम था शहला मसूद।
शहला मसूद के प्यार के इस अंदाज ने भरा जाहिदा में जहर
शहला मसूद दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया से मास कम्यूनिकेशन पढ़ी हुई एक तेज-तर्रार लड़की थीं। उन्होंने दिल्ली में तब अमिताभ बच्चन के ड्रीम प्रोजेक्ट अमिताभ बच्चन कॉर्पोरेशन लिमिटेड में इवेंट मैनेजमेंट का काम संभाला था। लेकिन उधर अमिताभ की कंपनी डूबी और इधर शहला का करियर। वे दिल्ली से भोपाल अपनी इवेंट कंपनी मिरेकल्स खोलने पहुंचीं। उनकी हल्की पहचान राजनेता ध्रुव से थी। बताते हैं उन्हीं के कहने पर शहला साल 2000 में भोपाल आई थीं। बताया जाता है कि साल 2003 और 2007 के बीच भोपाल विकास प्राधिकरण के चेयरमैन रहते हुए ध्रुव नारायण ने दिल खोलकर शहला का बिजनेस बढ़वाया। और यह किसी को नागवार गुजर रहा था।
हालांकि बात शायद हत्या तक ना पहुंचती अगर ध्रुव शहला के प्यार में खुद को न्योछावर ना करते। बिजनेस के फायदे तक जाहिदा ने कभी ध्रुव को नहीं रोका। लेकिन दोस्तों के बयानों भरोसा करें तो पाएंगे कि ध्रुव ने शहला के लिए अपना वजन घटाया। इतना ही नहीं उन्होंने अपने कपड़ों, कपड़ों के पहनने का अंदाज, दिनभर चमकते रहना ध्रुव की अपनी पत्नी को भी नहीं भा रहा था तो जाहिदा तो उनसे बेइंतहा मुहब्बत करती थीं। वे शहला के इस प्रभाव को कैसे झेल पातीं।
जाहिदा ने इस तरह बनाया शहला की हत्या का प्लान
ध्रुव दिन-ब-दिन जाहिदा से दूर और शहला के करीब होते जा रहे थे। इसके बारे में जाहिदा अपनी डायरी में लिखती हैं- मैं शहला पर नजर रखने के लिए उसके नौकर इरशाद को पैसे देती थी। मुझे उसके बारे में सबकुछ जानना था। इसके बाद जाहिदा ने शहला के घर से करीब 100 मीटर दूर एक बंगला खरीदा। शहला की हल्की-फुल्की रेकी के बाद जाहिदा अली से मिली।
साकिब अली 'डैंजर' एक स्थानीय गुंडा था। अली को जाहिदा ने शहला की हत्या की सुपारी दी। अली ने मामले में इरफान और ताबिश खान नाम के दो किराए के शूटरों को इसके लिए नियुक्त किया। ये दोनों शूटर जाहिदा के उस बंगले पर कुछ दिन रुके। उन्होंने शहला को मारने से पहले उसकी गतिविधियों पर नजर रखी और 11 मार्च को घटना को अंजाम दे दिया।
क्या हुआ बीजेपी के ध्रुव नारायण सिंह के सेक्स स्कैंडल का नतीजा
एक महिला की गोली मारकर हत्या हुई। सीबीआई ने तार से तार जोड़े और यूपी पुलिस ने दोनों शूटरों को गिरफ्तार कर लिया। सबूत और नाम आते ही मुख्य आरोपी जाहिदा की गिरफ्तारी हो गई। मामले में जाहिदा, उनकी सहायिका सबा, ताबिश और शाकिब को उम्रकैद हुई। इरफान को क्षमा दान मिला।
जाहिदा ने जाते-जाते अपने प्यार ध्रुव को भी अपने साथ अंदर ले जाने की पूरी तैयारी कर ली थी, ताकि वहां भी उनका दीदार होता रहे। लेकिन पॉलीग्राफ टेस्ट, शहला की कॉल डिटेल व जाहिदा की कॉल डिटेल चेक करने के बाद ध्रुव नारायण को मामले में क्लीन चिट मिल गई थी।
हालांकि सीबीआई से पूछताछ और जाहिदा का मामले में ध्रुव नारायण का खुलकर नाम लेने उन्हें मामले में संलिप्त होने के बारे में आरोपों के मद्देनजर ध्रुव नारायण सिंह को बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद वह अपनी राजनैतिक जमीन वापस तलाश रहे हैं लेकिन कहां यह किसी को पता नहीं है।