नेताओं के सेक्स स्कैंडल 3: वरुण गांधी को तबाह कर दिया सेक्स क्लिप ने, UP के CM बनने का देखा था ख्वाब
By खबरीलाल जनार्दन | Published: March 29, 2018 08:08 AM2018-03-29T08:08:47+5:302018-04-02T05:00:14+5:30
कहा जाता है वरुण गांधी की कथित सेक्स क्लिप भाजपा के ही एक दिग्गज नेता ने हाईकमान के इशारे पर लीक कराई थी। हालांकि इसकी कभी पुष्टि नहीं हुई।
साल 2009, वरुण गांधी उभरे और उत्तर प्रदेश में छाने लगे। आते ही उन पर पीलीभीत में भड़काऊ भाषण देने, दंगा भड़काने, पुलिस पर हमला करने जैसे मामले दर्ज हुए। लेकिन अदालत में मामले के 88 गवाह बयान से मुकर गए। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में एक खास वर्ग वरुण गांधी का समर्थक हो गया। एक तरफ उन पर चुनावी भाषणों में मुसलमानों के खिलाफ आग उगलने के आरोप लग रहे थे। दूसरी तरफ समर्थक होर्डिंग-पोस्टर-बैनर लगाकर वरुण गांधी को यूपी के मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग करने लगे।
यह मांग दिल्ली तक सुनाई पड़ी। आलाकमान को वरुण गांधी को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाना पड़ा। लेकिन उनके ये सोपान, बीजेपी के भीतरी लोगों को ही नहीं सुहाई और वह सेक्स सीडी आ गई जिसने वरुण गांधी का राजनैतिक कॅरियर ध्वस्त कर दिया। अब वरुण गांधी गुमनामी में जी रहे हैं। साल 1977 में जब उनकी मां मेनका गांधी अपनी पत्रिका सूर्या में प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार जगजीवन राम के बेटे सुरेश राम के सेक्स स्कैंडल की धुआंधार रिपोर्टिंग कर रही थीं, और जगजीवन राम का राजनैतिक करियर चौपट कर दिया था, तब बिल्कुल नहीं सोची होंगी कि ऐसी ही एक सीडी उनके बेटे के यूपी के सीएम बनने का सपना चकनाचूर कर देगी।
बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव और गांधी परिवार के वारिस वरुण गांधी का सेक्स स्कैंडल
वरुण गांधी के कथित सेक्स क्लिप के बारे में यह जनश्रुति आम है कि वे बीजेपी के लोगों के ही 'हनीट्रैप' में फंसाए गए थे। उनकी सेक्स क्लिप बीजेपी के ही एक दिग्गज नेता ने पार्टी हाईकमान के इशारे पर लीक कराई थी।
कथित तौर पर लीक हुई वरुण गांधी की सेक्स क्लिप में वे रोमैनिया की कॉल गर्ल के साथ दिखाई दे रहे थे। इन दिनों आज बार-बार कैंब्रिज एनालिटिका मामले में व्हिसलब्लोअर शब्द सुन रहे होंगे। इसका आशय होता है बड़े घोटाले का खुलासा करने वाला। वरुण गांधी की कथित सेक्स क्लिप मामले के खुलासे में व्हिसलब्लोअर थे, एडमंड्स एलन। उन्होंने भारतीय प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को वरुण गांधी की सेक्स क्लिप और एक चिट्ठी भेजी थी।
असल में एलन अमेरिका में रहने वाले एक नागरिक थे। उनके मुताबिक वरुण गांधी को एक हनीट्रैप में फंसाया गया है। हनीट्रेप का मतलब होता है किसी राजनेता या बड़ी शख्सियत को किसी खास मकसद के लिए सेक्स आदि मामलों में फंसाना। तो एडमंड्स एलन ने पीएमओ को जो चिट्ठी लिखी थी, उसमें उसने हनीट्रैप का साजिशकर्ता अभिषेक वर्मा नाम के एक शख्स का जिक्र किया था।
अभिषेक वर्मा हथियारों के खरीद-फरोख्त करने वाले एक डीलर थे। वे नेवी वॉर रूम लीक मामले में तिहाड़ जेल भी काट चुके थे। वरुण गांधी ने अभिषेक से अपने परिचय को स्वीकारा था। क्योंकि वे अभिषेक के पिता सांसद व मशहूर कवि श्रीकांत वर्मा का उनके घर आना जाना था।
अभिषेक की शादी एक रोमानियाई लड़की से हुई थी। कथित आपत्तिजनक क्लिप में भी रोमानियाई लड़की ही दिखाई दे रही थी। वरुण गांधी ने सफाई में कहा था कि वे लंबे समय से अभिषेक से नहीं मिले थे। आखिरी बार अभिषेक से उनकी मुलाकात अभिषेक की शादी में हुई थी।
मामले में वरुण गांधी ने कई बार सफाई दी। शुरुआती दिनों में मामले की जांच कराने की बात की गई। मामले में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण व योगेंद्र यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर मामले में बीजेपी की संलिप्तता को रेखांकित किया। प्रशांत भूषण के अनुसार इस तरह के मामले में कम से कम जांच तो की ही जानी चाहिए। तब तक अभिषेक वर्मा की हथियारों की खरीद-फरोख्त वाली कंपनी को भी प्रतिबंधित किया जाना चाहिए था।
लेकिन तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने अभिषेक वर्मा पर किसी तरह की कार्रवाई करना उचित नहीं समझा। प्रशांत भूषण के अनुसार] 'अमेरिकी नागरिक एलन की चिट्ठी में अभिषेक के अलावा नेवी व एयरफोर्स वरिष्ठ अधिकारियों के भी नाम थे। यह मामला महज आपत्तिजनक वीडियो क्लिप तक ही सीमित नहीं है।' लेकिन इस खास मामले की जांच पाइपलाइन में कहीं अटक गई। आजतक मामले में कोई ठोस फैसला नहीं हुआ है। लेकिन इस घटना ने वरुण गांधी की राजनीति चौपट कर दी।
हालांकि हाल ही में अभिषेक वर्मा और उनकी पत्नी ऐंशिया नेकसू को एक स्विस आर्म्ड कंपनी से पैसे लेने के आरोप में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था और उनकी कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर दिया था। मामला सीबीआई अदालत में चल रहा है। अभिषेक वर्मा के किरदार को फिल्म रुस्तम के विक्रम मखीजा के किरदार से तुलना की जाती है।
वरुण गांधी की कथित क्लिप आने के पहले बनने लगी थी सराकात्मक छवि
वरुण गांधी की नेतागिरी में शुरुआती छवि एंग्री यंगमैन की तरह बनी। धर्म, संप्रदाय आदि पर लोगों को बांटने के आरोप लगे। लेकिन जल्द ही उनकी यह छवि बदलने लगी थी। तत्कालीन मीडिया माध्यमों में उनके सांसदी कार्यकाल के दौरान गरीबों के लिए बनाए गए घरों, किसानों के कर्ज माफी में योगदान, संजय गांधी के बेटे आदि होने के बारे में खबरें आ रही थीं। तब माना जा रहा था कि खुद मेनका गांधी वरुण को यूपी के सीएम के तौर पर तैयार कर रही थीं। लेकिन वरुण गांधी का राजनैतिक कैरियर कभी बीजेपी में ताकतवर नेता और मोदी के प्रतिद्वंदी रहे संजय जोशी की जाली सीडी कांड की तरह ही खत्म होता नजर आ रहा है।