संसद की लोकसभा में बीते दिवस सत्तापक्ष और विपक्ष के रणबांकुरों में हुए संबोधन रण को देशभर के लोगों ने सुना लेकिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच यह रण कोई पहली बार नहीं हुआ। ...
भारतीय उपमहाद्वीप के ऊपर ईएनएसओ प्रभाव हर जगह एक समान नहीं रहता। ईएनएसओ और मानसून के बीच संबंध वर्ष 1901 से लेकर अब तक एक जैसा नहीं रहा है। शोधकर्ताओं ने पाया कि ईएनएसओ और मानसून का आपसी संबंध वर्ष 1901 से 1940 के बीच मजबूत होता गया। ...
कार्बन पृथक्करण, पानी के संरक्षण, नदियों को बचाने, बाघों, हाथियों, पक्षियों और तितलियों सहित कईं अन्य स्तनधारियों और कीटों की रक्षा के लिए अधिक जंगल उगाने के लिए किए गए सभी प्रयासों को व्यर्थ करने में 2023 के संशोधन बहुत बड़ी भूमिका निभाएंगे यह दुःखद ...
ईंधन के अपरंपरागत स्रोतों में ऐसे जीवाश्म स्रोत शामिल हैं, जो पारंपरिक जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में कार्य कर सकते हैं। जैव ईंधन को हमारा भविष्य बचाने के लिए एक उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा है। ...
यह सुनने में अजीब लग सकता है लेकिन सच है। हंगामे के बीच संसद में खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक पारित किए जाने के केंद्र सरकार के कदम से गैर-एनडीए शासित अधिकांश राज्यों को फायदा हुआ है। ...
नूंह हिंसा पर बोलते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भी कड़ी टिप्पणी की है और कहा है कि किसी को भी हेट स्पीच अर्थात नफरत भरे शब्द नहीं बोलने चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा है कि आपके शब्दों में हिंसा का भी कोई उल्लेख नहीं होना चाहिए। ...
अनुमान है कि अगले 20 वर्षों में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत का निर्भरता अनुपात सबसे कम होगा। इसमें कोई दो मत नहीं कि देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने में बुनियादी ढांचे के निर्माण में आई क्रांति अहम भूमिका निभा रही है। ...
आज आवश्यकता इसी बात की है कि मूल निवासियों को मूल निवासी ही रहने दिया जाए। उनकी सहमति से उनका उन्नयन हो। उन पर कोई वन कानून लादा न जाए। वे जंगलों के संरक्षक हैं। पर्यावरण के रक्षक हैं। उनको वनों का शत्रु न समझें। ...
एक दशक के दौरान महाराष्ट्र के बड़े हिस्से में बरसात के दिनों में भूस्खलन भयावह रूप से नुकसान कर रहा है। दूरस्थ अंचलों की बात तो दूर है, देश की आर्थिक राजनीति कही जाने वाली मुंबई में पिछले साल 19 जून को सुबह चेंबूर के भारत नगर में पहाड़ के तराई में स् ...