ब्लॉगः आर्थिक महाशक्ति बनने की डगर पर भारत

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Published: August 9, 2023 11:23 AM2023-08-09T11:23:21+5:302023-08-09T11:25:17+5:30

अनुमान है कि अगले 20 वर्षों में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत का निर्भरता अनुपात सबसे कम होगा। इसमें कोई दो मत नहीं कि देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने में बुनियादी ढांचे के निर्माण में आई क्रांति अहम भूमिका निभा रही है।

Blog India on the way to becoming an economic superpower | ब्लॉगः आर्थिक महाशक्ति बनने की डगर पर भारत

ब्लॉगः आर्थिक महाशक्ति बनने की डगर पर भारत

हाल ही में 3 अगस्त को दुनिया के दो दिग्गज आर्थिक शोध व बाजार पर नजर रखने वाले वैश्विक वित्तीय संगठनों ब्रोकरेज फर्म मोर्गन स्टेनली और एसएंडपी ग्लोबल के द्वारा वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रकाशित रिपोर्टों में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में लंबी तेजी का दौर शुरू हो गया है। दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में तेजी से आगे बढ़ते हुए भारत आर्थिक सुपर पावर बनने की डगर पर अग्रसर है।

कोई एक वर्ष पहले दुनिया के प्रमुख आर्थिक और वित्तीय संगठनों की रिपोर्टों में कहा जा रहा था कि दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का दर्जा रखने वाला भारत वर्ष 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में दिखाई देगा, लेकिन इन दिनों प्रकाशित हो रही रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में दिखाई दे सकता है। हाल ही में प्रकाशित अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), अमेरिकी इन्वेस्टमेंट बैंक मॉर्गन स्टेनली जैसे कई वैश्विक संगठनों की रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि भारत 2027 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरकर सामने आएगा। इतना ही नहीं 30 जुलाई को विश्व प्रसिद्ध स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि फिलहाल भारत में जो प्रति व्यक्ति आय 2450 डॉलर है, वह वर्ष 2030 तक 70 फीसदी बढ़कर 4000 डॉलर प्रति व्यक्ति हो जाएगी।

उल्लेखनीय है कि 27 जुलाई को जारी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की शोध इकाई इकोरैप की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि भारत वर्ष 2027 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की तरफ अग्रसर है। रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 की अप्रैल से जून की पहली तिमाही में भारत की आर्थिक विकास दर 8 फीसदी से ज्यादा रहने वाली है। इससे चालू वित्त वर्ष के दौरान सालाना विकास दर के 6.5 फीसदी रहने की संभावना बन गई है। रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2027 तक अमेरिकी इकोनॉमी का आकार 31.09 ट्रिलियन डॉलर का होगा और यह पहले स्थान पर होगी। दूसरे स्थान पर चीन 25.72 ट्रिलियन डॉलर के साथ होगा। तीसरे स्थान पर भारत 5.15 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में दिखाई देगा।

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 26 जुलाई को राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में दोबारा बनाया गया अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं सम्मेलन केंद्र परिसर (आईईसीसी) ‘भारत मंडपम’ राष्ट्र को समर्पित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि निश्चित रूप से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के तीसरे कार्यकाल में वृद्धि की रफ्तार और तेज होगी और भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। प्रधानमंत्री की ‘गारंटी’ इसलिए भी निश्चित दिखाई दे रही है, क्योंकि जापान की अर्थव्यवस्था स्थिर हो चुकी है और जर्मनी की अर्थव्यवस्था धीमी गति से बढ़ रही है।

यहां यह भी महत्वपूर्ण है कि संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग (यूएनईएससीएपी) की डिजिटल एवं टिकाऊ व्यापार सुविधा संबंधी रिपोर्ट-2023, इनवेस्को ग्लोबल की ‘सोवरेन वेल्थ फंड निवेश रिपोर्ट-2023’, निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स की ‘भारत की आर्थिक संभावना रिपोर्ट 2023’ भारत की बढ़ती हुई आर्थिक, वित्तीय और निवेश अहमियत को रेखांकित करते दिखाई दे रही हैं। संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग की डिजिटल एवं टिकाऊ व्यापार सुविधा संबंधी रिपोर्ट में भारत 140 देशों को पीछे छोड़ते हुए दुनिया में सबसे आगे पहुंच गया है। इनवेस्को ग्लोबल की रिपोर्ट के मुताबिक सोवरेन वेल्थ फंड के निवेश को लेकर दुनिया के 142 मुख्य निवेश अधिकारियों ने भारत को पहली पसंद बताया है। 

इनवेस्को के अध्ययन के मुताबिक भारत की कारोबारी व राजनीति स्थिरता में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है जो उसका मजबूत पक्ष है। राजकोषीय घाटा कम हो रहा है और राजस्व संग्रह में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। इसके अलावा भारत की आबादी, नियामक पहल और सोवरेन निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल से भी भारत को निवेश की पहली पसंद बनने में मदद मिली है। विकासशील देशों में निवेश के लिए अब चीन नहीं बल्कि भारत निवेशकों की पहली पसंद है। इसी तरह निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स के द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक भारत की जीडीपी में प्रभावी रूप से विस्तार होने का अनुमान है।

 अनुमान है कि अगले 20 वर्षों में बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में भारत का निर्भरता अनुपात सबसे कम होगा। इसमें कोई दो मत नहीं कि देश की अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने में बुनियादी ढांचे के निर्माण में आई क्रांति अहम भूमिका निभा रही है। पिछले 9 साल में आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण पर 34 लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। उद्योग-कारोबार को आसान बनाने के लिए 1500 पुराने कानूनों और 40 हजार अनावश्यक अनुपालन को समाप्त किए जाने की अहम भूमिका है।

हमें इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि जीडीपी के मामले में भारत वर्ष 2027 में दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य के साथ-साथ प्रति व्यक्ति आय के मामले में भी ऊंचाई प्राप्त करे। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ आम आदमी की मुट्ठियों में भी अधिक विकास की खुशियां पहुंचते हुए दिख सकेंगी।

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