ब्लॉग: जैव ईंधन से कम होगी कच्चे तेल पर निर्भरता

By योगेश कुमार गोयल | Published: August 10, 2023 10:49 AM2023-08-10T10:49:19+5:302023-08-10T10:56:50+5:30

ईंधन के अपरंपरागत स्रोतों में ऐसे जीवाश्म स्रोत शामिल हैं, जो पारंपरिक जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में कार्य कर सकते हैं। जैव ईंधन को हमारा भविष्य बचाने के लिए एक उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा है।

Dependence on crude oil will be less than biofuel | ब्लॉग: जैव ईंधन से कम होगी कच्चे तेल पर निर्भरता

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)

Highlightsजलवायु परिवर्तन के कारण हमारा पारिस्थितिक तंत्र बिगड़ गया है।भारत में विश्व जैव ईंधन दिवस पहली बार अगस्त 2015 में पेट्रोलियम और गैस मंत्रालय द्वारा मनाया गया था। बता दें कि देश में जैव ईंधन का विकास स्वच्छ भारत अभियान और आत्मनिर्भर भारत अभियान जैसी योजनाओं के अनुरूप ही है।

पिछले कुछ वर्षों से पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव झेल रही है और जलवायु परिवर्तन के कारण सामने आ रही प्राकृतिक आपदाओं की संख्या एवं तीव्रता निरंतर बढ़ रही है. 

जलवायु परिवर्तन के कारण मनुष्य और पर्यावरण पर पड़ रहा है प्रभाव

जलवायु परिवर्तन के ही कारण हमारा पारिस्थितिक तंत्र बिगड़ गया है, जिसका असर अब जीवन के लगभग हर क्षेत्र में स्पष्ट देखने को मिल रहा है. जलवायु परिवर्तन का एक बड़ा कारण मनुष्यों द्वारा पारंपरिक जीवाश्म ईंधन का बड़े स्तर पर दोहन किया जाना भी है, जिसका पर्यावरण पर बेहद खतरनाक प्रभाव देखा जा रहा है. 

इसलिए अपरंपरागत जीवाश्म ईंधन का किया जा रहा है इस्तेमाल

यही कारण है कि पारंपरिक जीवाश्म ईंधन के बजाय अपरंपरागत जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल करने की जरूरत महसूस की गई और पारंपरिक जीवाश्म ईंधन के विकल्पों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए ही प्रतिवर्ष 10 अगस्त को ‘विश्व जैव ईंधन दिवस’ मनाया जाता है. 

ईंधन के अपरंपरागत स्रोतों में ऐसे जीवाश्म स्रोत शामिल हैं, जो पारंपरिक जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में कार्य कर सकते हैं. जैव ईंधन को हमारा भविष्य बचाने के लिए एक उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा है. 

पहली बार भारत में विश्व जैव ईंधन दिवस इन दिन मनाया गया

भारत में विश्व जैव ईंधन दिवस पहली बार अगस्त 2015 में पेट्रोलियम और गैस मंत्रालय द्वारा मनाया गया था. देश में जैव ईंधन का विकास स्वच्छ भारत अभियान और आत्मनिर्भर भारत अभियान जैसी योजनाओं के अनुरूप ही है.

10 अगस्त को मनाया जाने वाला विश्व जैव ईंधन दिवस सर रूडोल्फ डीजल की याद में मनाया जाता है, जिन्होंने डीजल इंजन बनाने का कार्य किया था. सर डीजल ने 8 अगस्त 1893 को पहली बार एक यांत्रिक इंजन चलाने के लिए मूंगफली के तेल का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया था और उसी के साथ इस कल्पना को नई उड़ान मिली थी कि आने वाले समय में जीवाश्म ईंधन की जगह पर वनस्पति तेल का इस्तेमाल किया जा सकेगा. इस उपलब्धि की खुशी को मनाने और लोगों को जागरूक करने के लिए ही विश्व जैव ईंधन दिवस मनाया जाता है,

जैव ईंधन के उपयोग के लिए कई योजनाएं हुई शुरू

भारत में विभिन्न प्रकार के जैव ईंधन के उपयोग की ओर कदम बढ़ाए जा चुके हैं, जिनमें बायोइथेनॉल, बायोडीजल, ड्रॉप-इन ईंधन, बायो-सीएनजी, उन्नत जैव ईंधन प्रमुख हैं. जैव ईंधन के उपयोग को प्रोत्साहित करने वाली कई योजनाएं शुरू की गई हैं. 

केंद्र सरकार द्वारा जून 2018 में जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति को स्वीकृति प्रदान की गई, जिसका लक्ष्य 2030 तक 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण और 5 प्रतिशत बायोडीजल मिश्रण के लक्ष्य तक पहुंचना है. यह योजना उन्नत जैव ईंधन के उत्पादन को प्रोत्साहित करती है.
 

Web Title: Dependence on crude oil will be less than biofuel

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