नई तकनीक को ‘रोबोटिक ब्रोंकोस्कोपी’ कहा जाता है और डॉक्टरों को इमेजिंग मार्गदर्शन और मिनी-ट्यूब के माध्यम से फेफड़ों के दूरस्थ हिस्सों तक पहुंचने की अनुमति देता है। नई रोबोटिक तकनीक फेफड़ों के कैंसर के घातक होने से पहले उसका पता लगाती है, उसका इलाज क ...
ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि 2025 तक मलेरिया का 80 प्रतिशत से भी ज्यादा प्रभावशाली टीका विकसित कर लिया जाएगा लेकिन तब तक मलेरिया के उपचार में सावधानी को ही सबसे बड़ी सुरक्षा माना जा रहा है। ...
कोविड-19 के बाद यकृत अथवा लीवर के रोगियों की संख्या में बेहताशा इजाफा हुआ है. डब्ल्यूएचओ और वैश्विक चिकित्सकीय आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2020 के बाद अन्य बीमारियों के मुकाबले लीवर के मरीज 10 फीसदी से ज्यादा बढ़े हैं. आंकड़ों पर गौर करें तो हिंदुस्तान में ...
‘विश्व होम्योपैथी दिवस’ हर साल 10 अप्रैल को मनाया जाता है. जर्मन मूल के डॉ. क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनीमैन ‘होम्योपैथी’ के जनक माने जाते हैं. उन्हीं के जन्मदिवस के अवसर पर यह दिन मनाया जाता है. ...
‘सुपरबग’सच में मानव जाति के लिए एक खतरा है। वैज्ञानिकों के अनुसार सुपरबग की लगातार बढ़ती संख्या के कारण 2050 तक दुनिया भर में हर वर्ष एक करोड़ लोगों की मौत हो जाएगी और यह कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के रूप में अपना प्रसार कर लेगा। ...
इलाज के बाद जहां विकसित देशों में करीब 80 फीसदी बच्चे कैंसर से ठीक हो जा रहे हैं, वहीं भारत में यह दर मात्र 30 फीसदी है. इसके पीछे लोगों तक बड़े अस्पताल तथा आधुनिक चिकित्सा सेवाओं की कम पहुंच अहम वजह है. ...
यह शोध बुढ़ापे में एक और अंधेरा परिव्याप्त होने की विडंबना को दर्शा रहा है। वस्तुतः वृद्धावस्था तो वैसे भी अनेक शारीरिक व्याधियों, मानसिक तनावों और अन्यान्य व्यथाओं भरा जीवन होता है और अगर उस पर उनमें स्मृतिलोप जैसी बीमारियां हावी होने लगेंगी तो वृद् ...
प्रोटीनयुक्त पोषकतत्व के लिए जागरूकता फैलाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकार के तहत 27 फरवरी 2020 को भारत में प्रोटीन दिवस की शुरुआत की गई थी। ...
दुनिया भर के देशों में कैंसर के खिलाफ जंग जारी है। लेकिन जिस तेजी से चिकित्सा के उपाय खोजे जा रहे हैं उससे अधिक तेजी से इसका प्रसार हो रहा है। भारत में वैकल्पिक चिकित्सा के क्षेत्र में कई दशकों से काम करने वाली एक अग्रणी संस्था डीएस रिसर्च सेंटर के व ...
आपको बता दें कि चीन में कोविड-19 महामारी के नए स्वरूप ने यह साबित कर दिया है कि कोरोना पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है अैर वह नए-नए स्वरूप के साथ दुनिया को कभी भी अपनी चपेट में ले सकता है। ...