ब्लॉग: नई तकनीक से बदल गई शल्य चिकित्सा की दुनिया

By निरंकार सिंह | Published: April 26, 2023 01:46 PM2023-04-26T13:46:57+5:302023-04-26T14:00:52+5:30

नई तकनीक को ‘रोबोटिक ब्रोंकोस्कोपी’ कहा जाता है और डॉक्टरों को इमेजिंग मार्गदर्शन और मिनी-ट्यूब के माध्यम से फेफड़ों के दूरस्थ हिस्सों तक पहुंचने की अनुमति देता है। नई रोबोटिक तकनीक फेफड़ों के कैंसर के घातक होने से पहले उसका पता लगाती है, उसका इलाज करती है।

New technology changed the world of surgery robotic surgery india spain | ब्लॉग: नई तकनीक से बदल गई शल्य चिकित्सा की दुनिया

फोटो सोर्स: ANI (प्रतिकात्मक फोटो)

Highlightsदुनिया में पहली बार एक रोबोट के जरिये फेफड़े का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण हो पाया है। बार्सिलोना के वेल्डिंग रोड अस्पताल के सर्जनों ने यह ऑपरेशन किया है।भारत में भी रोबोट का इस्तेमाल कर स्‍पाइन सर्जरी की गई है।

स्पेन के सर्जनों की एक टीम ने दुनिया में पहली बार एक रोबोट के जरिये फेफड़े का प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किया है. बार्सिलोना के वेल्डिंग रोड अस्पताल के सर्जनों ने यह ऑपरेशन किया. इस काम को करने में रोबोट को सिर्फ 4 घंटे लगे. इस टीम के प्रमुख डॉक्टर जोरेगोई का कहना है कि इस विधि से ऑपरेशन के बाद घाव जल्दी भरेगा और रोगी को दर्द भी कम होगा. 

रोबोट ने किया सफल ऑपरेशन

इससे पहले रोगी के सीने में लगभग 30 सेंटीमीटर का चीरा लगाया जाता था और पसलियों को काट दिया जाता था. इस नई विधि से सर्जनों ने 14 भुजाओं वाले रोबोट के जरिये रोगी की त्वचा, वसा और मांसपेशियों के एक छोटे से हिस्से को काट कर क्षतिग्रस्त फेफड़े को निकाल कर उसकी जगह नए फेफड़े को लगा दिया. इसके लिए उन्होंने सिर्फ 8 सेंटीमीटर का चीरा लगाया और पसलियों को काटने की आवश्यकता नहीं पड़ी.

इस तकनीक के क्या है फायदे

एक नई रोबोटिक प्रक्रिया फेफड़ों के कैंसर से पीड़ित कई लोगों की जान बचा रही है. आमतौर पर फेफड़ों का कैंसर जानलेवा हो जाता है क्योंकि इसका जल्दी पता लगाना मुश्किल होता है. मेन लाइन हेल्थ के डॉक्टरों का कहना है कि रोबोटिक तकनीक फेफड़ों के कैंसर का जल्द पता लगा सकती है और उसी समय इसका इलाज भी कर सकती है. 

क्या करती है यह तकनीक

नई तकनीक को ‘रोबोटिक ब्रोंकोस्कोपी’ कहा जाता है और डॉक्टरों को इमेजिंग मार्गदर्शन और मिनी-ट्यूब के माध्यम से फेफड़ों के दूरस्थ हिस्सों तक पहुंचने की अनुमति देता है. नई रोबोटिक तकनीक फेफड़ों के कैंसर के घातक होने से पहले उसका पता लगाती है, उसका इलाज करती है. इस तकनीक की सबसे खास बात शायद यह है कि अगर फेफड़े में कैंसर के निशान पाए जाते हैं तो डॉक्टर उसी समय इसका इलाज कर सकते हैं, जब मरीज सामान्य संज्ञाहरण के तहत होते हैं. 

भारत में भी रोबोट ने की है सर्जरी

भारत में पहली बार किसी सर्जरी को रोबोट ने अंजाम दिया है. दिल्‍ली में एक मरीज की स्‍पाइन सर्जरी में रोबो की मदद ली गई और ऑपरेशन सफल रहा. इस उपलब्धि से भारत अब अमेरिका के बाद ऐसा दूसरा देश बन गया है जहां पहली बार एक रोबोट ने सफल स्पाइन सर्जरी की है. भारत में अपने आप मे पहला ऐसा रोबो जो अब मुश्किल से मुश्किल सर्जरी आसान कर देगा. फिलहाल यह स्पाइनल इंजरीज से जुड़ी सर्जरी करेगा.

इन बीमारियों में इस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा

इस रोबो से की जाने वाली सर्जरी एक बार में और समय से पूरी होगी. बोन कैंसर, ज्वाइंट रिप्लेसमेंट, हड्डियों के अंदरुनी हिस्सों तक पहुंचने में इसका इस्तेमाल किया जा सकेगा. दिल्ली के इंडियन स्पाइन इंजरीज सेंटर में मौजूद इस एडवांस्ड रोबो ने अब तक 5 सफल सर्जरी कर मेडिकल फील्ड में खुद को साबित कर दिया है. रोबो की मदद से स्पाइन कैंसर की सर्जरी भी आसानी से हो सकेगी.
 

Web Title: New technology changed the world of surgery robotic surgery india spain

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