वरिष्ठ पत्रकार और फिल्मकार। राज्य सभा टीवी के पूर्व कार्यकारी निदेशक। वॉयस ऑफ इंडिया, इंडिया न्यूज, सीएनईबी, बीएजी फिल्मस, आज तक, नई दुनिया इत्यादि मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर रहे।Read More
जनादेश आए एक महीना हो चुका है और इस दरम्यान विपक्ष लगातार कोमा में नजर आ रहा है.माना जा सकता है कि इस तरह की पराजय के लिए कोई दल तैयार नहीं था, लेकिन शिखर से लुढ़ककर गहरी खाई में गिरने का सबसे निचला बिंदु भी यह नहीं है. ...
भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की दूसरी पारी का पहला सत्न सोमवार को प्रारंभ हो चुका है. अगले पांच साल के लिए इस विशाल और विराट देश को आगे ले जाने का मंत्न इस संसद के सत्न प्रदान करेंगे. ...
जिस मुल्क में सत्तर फीसदी आबादी रात होते ही अंधेरे में डूब जाती हो, वहां आम जनता किस तरह बसर कर रही होगी, कल्पना की जा सकती है. देखना है नियति का कौन सा चमत्कार पाकिस्तान को उबार सकता है. ...
दरअसल इस बार की चक्रवर्ती विजय में भारतीय जनता पार्टी की कोई सामूहिक समग्र और संपूर्ण भागीदारी नहीं दिखाई देती. प्रधानमंत्नी नरेंद्र मोदी के नाम पर ही मतदाताओं ने अपना निर्णय सुनाया है. ...
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संपूर्ण चुनाव प्रचार अभियान के दौरान ‘चौकीदार चोर है’ का नारा जमकर बुलंद किया. हो सकता है कि कहीं-कहीं इसे पसंद भी किया गया हो लेकिन इस नारे ने फायदे के बजाय नुकसान अधिक पहुंचाया. ...
प्रश्न यह है कि अब इस राष्ट्र-राज्य में प्रतिपक्ष किस धरातल पर खड़ा है? क्या वह अपनी इतनी महीन उपस्थिति से लोकतंत्न के मजबूत तार खींच कर रख सकेगा? यदि नहीं तो संतुलन बनाने में इस महान देश के करोड़ों नागरिक क्या कर सकते हैं. ...
जब मोदी ने तीन राज्यों में हार के बाद राष्ट्रवाद और भाजपा ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का सहारा लिया तो विकास के मसले और मुल्क के गंभीर सरोकार नेपथ्य में थे. अब मोदी को लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था, बढ़ती बेरोजगारी तथा बुनियादी ढांचे पर ध्यान देना ही होगा. अ ...
अंग्रेजों ने हमें समान रूप से गुलामी की राष्ट्रीय चुभन दी. गांधीजी ने उस चुभन या तीखी धार को अपने प्रभाव से न केवल हल्का किया, बल्कि यह अहसास भी कराया कि उनकी जादू की छड़ी से ही आजादी का द्वार खुलता है. ...