सारे देश में बरसात के बीत जाने के बाद पानी की त्राहि-त्राहि अब सामान्य बात हो गई है। जनता को जमीन की छाती चीर कर पानी निकालने या बड़े बांध के सपने दिखाए तो जाते हैं लेकिन जमीन पर कहीं पानी दिखता नहीं। ...
दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में 18 वीं लोकसभा को चुनने का उत्सव शुरू हो चुका है। यह एक चिंता की बात है कि लोकतंत्र का मूल आधार जो ‘लोक’ है, वह लगभग एक तिहाई वोट डालने ही नहीं आता। ...
इस बार अनुमान है कि मानसून की कृपा देश पर बनी रहेगी. ऐसा बीते दो साल भी हुआ, इसके बावजूद बरसात के विदा होते ही देश के बड़े हिस्से में बूंद-बूंद के लिए मारामारी शुरू हो जाती है ...
मुगलकाल की बेहतरीन इंजीनियरिंग का नमूना मध्यप्रदेश में ताप्ती नदी के किनारे बसे बुरहानपुर शहर में है। पिछले साल इसका नाम विश्व विरासत के लिए यूनेस्को को भेजा गया था। ...
यह बात गौर करने की है कि बीते कुछ सालों में कश्मीर लगातार असामान्य और चरम मौसम की चपेट में है। अभी 21 फरवरी को गुलमार्ग में बर्फीले तूफान का आना भी चौंकाने वाला है। जान लें कि देर से हुई बर्फबारी से राहत तो है लेकिन इससे उपजे खतरे भी हैं। ...
River Linking Project: सन् 2010 में पहली बार जामनी नदी को महज सत्तर करोड़ के खर्च से टीकमगढ़ जिले के पुश्तैनी विशाल तालाबों तक पहुंचाने और इससे 1980 हेक्टेयर खेतों की सिंचाई की योजना तैयार की गई. ...
राजधानी दिल्ली इन दिनों कड़ाके की सर्दी से ठिठुर रही है। बारिश होने के बाद तो हवा हड्डियों पर चोट कर रही है। यह सुनना शायद सभी समाज के लिए शर्मनाक होगा कि सत्ता के केंद्र इस महानगर में कई लोग जाड़े के कारण दम तोड़ चुके हैं। ...