वर्ल्ड वेदर एट्रिब्यूशन ग्रुप के एक नए अध्ययन से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन ने अप्रैल में पूरे एशिया में अनुभव की गई हीट वेव की तीव्रता को काफी बढ़ा दिया था. ...
रिपोर्ट का विमोचन भूमि-संबंधित मामलों पर बढ़ते वैश्विक ध्यान के साथ मेल खाता है, जो ‘भूमि के स्वामित्व को सुरक्षित करने और जलवायु कार्रवाई के लिए पहुंच’ पर विश्व बैंक सम्मेलन जैसे आयोजनों में स्पष्ट है। ...
दरअसल 'नेचर' पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार अगर कार्बन एमिशन में आज से ही भारी कटौती कर ली जाए, तब भी जलवायु परिवर्तन के कारण 2050 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में 19 प्रतिशत की आय में कमी आने का अनुमान है। ...
यह अध्ययन भारत के सर्दियों के मौसम में असमान तापमान वृद्धि के रुझान को उजागर करता है। जबकि कुछ क्षेत्रों में सर्दियों में महत्वपूर्ण गर्मी का अनुभव होता है, अन्य में एक विपरीत पैटर्न दिखाई देता है। ...
भारत की विविध भौगोलिक संरचना, जलवायु परिस्थितियों और सामाजिक-आर्थिक कारकों के कारण जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों के प्रति उसकी संवेदनशीलता अधिक है। ये प्रभाव पहले से ही अर्थव्यवस्था और आजीविका को प्रभावित कर रहे हैं, जो विकास और गरीबी उन्मूलन ...
गोवा में चल रहा इंडिया एनर्जी वीक 2024 भारत के ऊर्जा भविष्य की रोमांचक तस्वीर दिखा रहा है। क्लीन एनर्जी, महत्वाकांक्षी जलवायु लक्ष्य और एनर्जी सिक्योरिटी पर जोर के साथ इस कार्यक्रम में कई प्रमुख घटनाक्रम सामने आए हैं। ...
विकसित अर्थव्यवस्थाओं में इसकी खपत में तेजी से गिरावट आ रही है, जिसमें यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 20 प्रतिशत की रिकॉर्ड गिरावट भी शामिल है। ...
कॉप 28 की असाधारण उपलब्धियों में से एक रहा लॉस एंड डैमेज पर हुआ एक अभूतपूर्व समझौता। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का कठोर खामियाजा भुगत रहे कमजोर राष्ट्रों ने राष्ट्रीय प्रतिक्रिया योजनाओं, जलवायु सूचना वृद्धि और विस्थापन के मामलों में सम्मानजनक मानव ...