ब्लॉग: थम रही खेती, बढ़ रहा पलायन, खतरे में खाद्य सुरक्षा

By निशांत | Published: May 14, 2024 10:38 AM2024-05-14T10:38:44+5:302024-05-14T10:39:50+5:30

रिपोर्ट का विमोचन भूमि-संबंधित मामलों पर बढ़ते वैश्विक ध्यान के साथ मेल खाता है, जो ‘भूमि के स्वामित्व को सुरक्षित करने और जलवायु कार्रवाई के लिए पहुंच’ पर विश्व बैंक सम्मेलन जैसे आयोजनों में स्पष्ट है। 

Farming is coming to a halt migration is increasing food security in danger | ब्लॉग: थम रही खेती, बढ़ रहा पलायन, खतरे में खाद्य सुरक्षा

ब्लॉग: थम रही खेती, बढ़ रहा पलायन, खतरे में खाद्य सुरक्षा

एक हालिया अध्ययन से एक चिंताजनक तस्वीर सामने आई है। साल 2008 के बाद से वैश्विक भूमि की कीमतें दोगुनी हो गई हैं, जबकि मध्य यूरोप में कीमतों में तीन गुना वृद्धि देखी जा रही है। जमीन की कीमतों में यह उछाल दुनिया भर में किसानों और ग्रामीण समुदायों पर भारी दबाव डाल रहा है। अध्ययन से पता चलता है कि विभिन्न रूपों में अंतरराष्ट्रीय भूमि अधिग्रहण इस वृद्धि में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता रहा है।

सहस्राब्दी की शुरुआत के बाद से, इन सौदों के माध्यम से जर्मनी के दोगुने आकार के बराबर भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जिसमें 87 प्रतिशत भूमि हड़पने की घटनाएं उन क्षेत्रों में हुई हैं जो अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाने जाते हैं। 

ज्वलंत मुद्दा केवल भूमि अधिग्रहण ही नहीं है। कार्बन ऑफसेटिंग और स्वच्छ ईंधन योजनाओं जैसी पहलों से प्रेरित भूमि की मांग में वृद्धि के कारण सरकारों, निगमों और निवेशकों द्वारा बड़े पैमाने पर कृषि भूमि का अधिग्रहण किया गया है।  दुर्भाग्य से, यह प्रवृत्ति वैश्विक खाद्य उत्पादन के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करती है। इस संदर्भ में उप-सहारा अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे क्षेत्र विशेष रूप से प्रभावित होते हैं। 

सतत खाद्य प्रणालियों पर विशेषज्ञों के अंतरराष्ट्रीय पैनल (आईपीईएस-फूड) ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे को संबोधित करते हुए एक व्यापक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट का विमोचन भूमि-संबंधित मामलों पर बढ़ते वैश्विक ध्यान के साथ मेल खाता है, जो ‘भूमि के स्वामित्व को सुरक्षित करने और जलवायु कार्रवाई के लिए पहुंच’ पर विश्व बैंक सम्मेलन जैसे आयोजनों में स्पष्ट है। 

रिपोर्ट के निष्कर्ष कार्बन और जैव विविधता ऑफसेट परियोजनाओं, संरक्षण पहलों और स्वच्छ ईंधन के लिए ‘ग्रीन ग्रैब्स’ के कारण भूमि हड़पने की खतरनाक वृद्धि को रेखांकित करते हैं।  अपने जलवायु लाभों के बहुत कम सबूतों के बावजूद, ये परियोजनाएं बड़े पैमाने पर कृषि भूमि के अधिग्रहण को बढ़ावा दे रही हैं। 

यह घटना उप-सहारा अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे क्षेत्रों पर असंगत रूप से प्रभाव डालती है, जिससे मध्य-पूर्वी यूरोप, उत्तरी और लैटिन अमेरिका और दक्षिण एशिया जैसे क्षेत्रों में भूमि असमानता बढ़ जाती है। चौंकाने वाली बात यह है कि दुनिया के केवल एक प्रतिशत सबसे बड़े फार्म अब दुनिया की 70 प्रतिशत कृषि भूमि को नियंत्रित करते हैं। 

इस घटनाक्रम के निहितार्थ गंभीर हैं।  यह भूमि असमानता को बढ़ा रहा है, छोटे और मध्यम स्तर के खाद्य उत्पादन को तेजी से अव्यवहार्य बना रहा है। इससे किसान विद्रोह, ग्रामीण पलायन, गरीबी और खाद्य असुरक्षा पैदा हुई है। 

Web Title: Farming is coming to a halt migration is increasing food security in danger

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