साक्षरता का जीवन में कितना महत्त्व है शायद इसका पता एक अनपढ़ इंसान को ही हो सकता है. आज हम बात कर रहे हैं मंगलुरु के पास के छोटे से गाँव के अक्षर संत कहे जाने वाले एक छोटे से संतरा विक्रेता हजब्बा की जिन्होंने अपने मेहनत की कमाई का इस्तेमाल अपने गाँव ...
उत्तर प्रदेश का शहर इलाहाबाद, छोटा तो नहीं कह सकते हैं, ठीक - ठाक सा लेकिन स्वतंत्रता की लड़ाई में इस शहर ने बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. फिलहाल आजकल, सिविल सर्विसेज़ या किसी बड़े कॉम्पीटिशन की तैयारी कर रहे छात्रों का गढ़ है. ...
कहा जाता है कि बचपन बड़ा ही बेफिक्र होता है किसी भी चीज़ की चिंता नहीं होती, बस जो जी में आता है वही करता है बचपन. लेकिन कई बार यह बचपन ही जवानी कुछ ऐसी सीख देकर चला जाता है जो जवानी बिलकुल भूल चुकी होती है. ...
सेव टाइगर्स और सेव एनवायरमेंट जैसे कैंपेन तक तो ठीक था आखिर ऐसा क्या हुआ देवी पूजने वाले इस देश में कि 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' जैसे कैंपेन की ज़रुरत पड़ रही है. ...
हैप्पी फादर्स डे (Happy Father's Day): आज भी हमारे पापा हम दोनों भाइयों के लिए ही करते रहते हैं, तुम्हारा पीपीएफ जमा कर दिया, बेटी की पॉलिसी जमा हो गयी, तुम्हारा फ़ोन ख़राब हो गया है मेरा फ़ोन ले लो, पैसे हैं तुम्हारे पास, कुछ पैसे रख लो. कभी भी उन्होंन ...
फिल्म 'वीरे दी वेडिंग' में स्वरा भास्कर का हस्तमैथुन सीन एक बड़ा रीजन है की फिल्म को इतनी पब्लिसिटी मिल रही है| जहां इस सीन को लेकर स्वरा भास्कर की जमकर बुराई हो रही है वहीं इस सीन को देखने के लिए लोगों की भीड़ सिनेमाघरों में आ रही है| ...
पूजा की सादगी और मासूम सी मुस्कान को देख कर आप उसके हौसले का अंदाजा भी नहीं लगा सकते कि यह सीधी सी लगने वाली लड़की एक छोटे से गाँव में बैठ कर बड़े - बड़े शहरों के स्टूडेंट्स को मात दे गयी है| ...
23 मार्च 1931 भारत के इतिहास का एक ऐसा काला दिन जिसने हमसे हमारे तीन सपूतों को छीन लिया था| 23 मार्च 1931 को ही शहीदे आजम भगतसिंह, शहीद सुखदेव और राजगुरु को एक साथ फांसी के तख्त पर लटका दिया गया था| इन शहीदों का ये बलिदान बेकार तो नहीं गया लेकिन भार ...