बच्चों को नाजायज कहना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है. अगर नाजायज कहना ही हो तो वास्तव में उस बच्चे के पिता को कहा जा सकता है जो उसे नाम देने की हिम्मत नहीं जुटा पाता. ...
समय पर इलाज नहीं हो पाने के कारण बड़ी संख्या में लोग असमय ही मर जाते हैं. इसका इलाज भी महंगा है. अगर किसी घर में कोई कैंसर का मरीज होता है, तो मेडिकल बीमा के अभाव में पूरा परिवार कर्ज में डूब जाता है. ...
नागपुर-मुंबई हाईस्पीड ट्रेन का संभावित रूट नागपुर, वर्धा, पुलगांव, कारंजालाड, मालेगांव (जागीर), मेहकर, जालना, औरंगाबाद, शिरडी, नाशिक, इगतपुरी, शाहपुर तथा मुंबई है। ...
अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने 18 दिसंबर 2020 को अहम निर्देश दिए थे। कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को अस्पतालों का फायर सेफ्टी ऑडिट करवाने का निर्देश दिया था. शायद ही किसी राज्य सरकार ने इन निर्देशों का पालन किया हो. ...
दुनिया भर में दहशत फैलाने की क्रूर इच्छा रखने वाले आतंकी संगठन आईएस से निपटने के लिए एनआईए तो अपना काम कर ही रही है, लोगों में जागरूकता फैलाने की भी जरूरत है. ...
वर्ष 2020 में प्रकाशित ‘जेल सांख्यिकी भारत’ रिपोर्ट के अनुसार देश की जेलों में 4,88,511 कैदी हैं, जिनमें से 76 प्रतिशत या 3,71,848 कैदी विचाराधीन हैं। ...