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प्रासंगिक बने रहने के लिए अपनी प्रभाशीलता में सुधार और विश्वसनीयता बढ़ाए संरा : प्रधानमंत्री मोदी

By भाषा | Updated: September 25, 2021 22:44 IST

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योषिता सिंह

संयुक्त राष्ट्र, 25 सितंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र अपनी प्रासंगिकता बनाए रखना चाहता है तो उसे अपनी प्रभावशीलता में सुधार करना चाहिये और अपनी विश्वसनीयता को बढ़ाना चाहिये।

उन्होंने चीन से प्राप्त आंकड़ों में कथित अनियमितताओं के कारण विश्व बैंक द्वारा व्यापार में सहूलियत से संबंधित रिपोर्ट का प्रकाशन रद्द किए किए जाने सहित हाल की कई अन्य घटनाओं को रेखांकित किया, जिनके कारण विभिन्न वैश्विक संस्थाओं की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हुए हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र को यहां संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत के महान कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य के शब्द दोहराए ‘‘कालाति क्रमात काल एव फलं पिबति। जब सही समय पर सही कार्य नहीं किया जाता, तो समय ही उस कार्य की सफलता को समाप्त कर देता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अगर संयुक्त राष्ट्र को प्रासंगिक बने रहना है, तो उसे अपनी प्रभावशीलता में सुधार करना होगा और विश्वसनीयता बढ़ानी होगी।’’ उन्होंने कहा कि आज संयुक्त राष्ट्र के बारे में तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘हमने जलवायु संकट और कोविड-19 महामारी के दौरान भी ऐसे सवाल उठते देखे हैं।’’

संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी एजेंसी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को दिसंबर 2019 में चीन में कोविड-19 संकट सामने आने के बाद से लगातार आलोचना झेलनी पड़ रही है। संगठन को संकट का उचित प्रबंधन नहीं करने के लिए आलोचना झेलनी पड़ी।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने डब्ल्यूएचओ को चीन की ‘‘कठपुतली’’ बताया था और उसपर महामारी की शुरुआत पर्दा डालने का प्रयास करने और महामारी को पूरी दुनिया में फैलने देने का आरोप लगाया था।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘दुनिया के कई हिस्सों में छद्म युद्ध चल रहे हैं, आतंकवाद और अफगानिस्तान के हालिया संकट ने इन प्रश्नों की गंभीरता को उजागर कर दिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 की शुरुआत कहां से हुई और व्यापार में सहूलियत से जुड़ी रैंकिंग, वैश्विक प्रशासन संबंधी संस्थाओं ने दशकों की कड़ी मेहनत से अर्जित अपनी साख गंवा दी है।’’

विश्व बैंक ने हाल ही में कहा था कि वह अपनी महत्वाकांक्षी ‘डूइंग बिजनेस’ प्रकाशन को बंद कर रहा है। उसने वैश्विक बिजनेस क्लाइमेट इंडेक्स के हालिया संस्करणों के आंकड़ों में अनियमितता का हवाला देते हुए यह फैसला लिया था।

विश्व बैंक ने एक बयान में कहा था जांच में यह बात सामने आने के बाद कि 2017 में चीन की रैंकिंग बेहतर करने के लिए बैंक के कुछ शीर्ष अधिकारियों द्वारा कथित रूप से दबाव बनाया गया था, इसके बाद प्रकाशन बंद करने का फैसला लिया गया।

मोदी ने कहा, ‘‘ये आवश्यक है कि हम संयुक्त राष्ट्र को वैश्विक व्यवस्था, वैश्विक कानून और वैश्विक मूल्यों के संरक्षण के लिए निरंतर सुदृढ़ करें।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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