चित्तूर: हथियों से आबाद आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में सक्रिय वन अधिकारियों ने अपनी सूझबूझ से एक जंगली हाथी को मौत के कुएं से जिंदा बाहर निकाल लिया। जानकारी के मुताबिक हाथी को बचाने के लिए वन अधिकारियों ने जेसीबी मशीन मंगाया और कुएं की खुदाई करवाकर हाथी को बाहर निकलने के लिए बाकायदा रास्ता बनवाया। जिससे हाथी बाहर निकला और इस तरह से उसकी जान बची।
हाथी के रेस्क्यू करने का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें कुएं में गिरा हाथी जान बचाने के लिए संघर्ष करता हुआ नजर आ रहा है और वन विभाग की टीम के साथ मौके पर मौजूद ग्रामिण उसे बचाने के लिए काफी मशक्कत कर रहे हैं। लाख प्रयासों के बाद भी जब हाथी कुए से बाहर नहीं आ पाता है तो अंत में वन अधिकारी जेसीबी मंगवाकर कुएं की खुदाई का फैसला करते हैं।
थोड़े ही समय में मौके पर जेसीबी पहुंचता है और वन अधिकारियों की दिशा-निर्देशन में कुएं के एक सिरे की खुदाई करना शुरू करते हैं। थोड़े ही समय में जेसीबी एक सिरे को खोदकर हाथी को कुएं से बाहर निकलने का रास्ता तैयार करता है और उसके बाद वो हाथी संकरे रास्ते से कुएं से बाहर आ जाता है। हाथी के कुएं से बाहर निकलने पर वन अधिकारियों के साथ-साथ मौके पर मौजूद ग्रामीण भी राहत की सांस लेते हैं।
रेस्क्यू पूरा होने के बाद वन अधिकारियों ने बताया कि बचाया गया जंगली हाथी पानी की तलाश में कुएं के पास आया था, लेकिन किनारे की मिट्टी खिसकने के कारण उसका संतुलन बिगड़ गया और वो सीधे कुएं में जा गिरा। लेकिन इस क्रम में उसे कोई गंभीर चोट नहीं लगी और ग्रामीणों के प्रयास से और जेसीबी की मदद से उसे सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
कुएं से बाहर निकलने पर हाथी सरपट जंगल की ओर भाग गया। हाथी बहुल चित्तूर इलाके में अक्सर उनके साथ हादसे की खबरें आती रहती हैं। इससे पहले बीते 2 नवंबर को चित्तूर के ही नगीरेड्डीपल्ले गांव में बिजली के तार की चपेट में आने से एक 30 साल के नर हाथी की मौत हो गई। घटना के बाद नगीरेड्डीपल्ले के ग्रामीणों ने मृत हाथी के विषय में वन अधिकारियों को सूचित किया। जिसके बाद चित्तूर पश्चिम क्षेत्र के डीएफओ चैतन्य कुमार मय बल के साथ मौके पर पहुंचे और हाथी के शव को पोस्टमार्टम के लिए वन अस्पताल भिजवाया।