मुंबईः एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र के नए सीएम बनने के बाद सबको लग रहा था कि सियासी ड्रामे का अंत हो गया है। खैर ये कहना गलत नहीं होगा कि पिक्चर अभी बाकी है। एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे के करीबी और बालासाहेब ठाकरे के सबसे विश्वसनीय लोगों में से एक कहे जाते हैं।
हालांकि उन्होंने बगावत की तो महाविकास अघाड़ी सरकार को कानों कान खबर नहीं हुई। जब पता लगा तब तक पासा पलट चुका था। एक-एक कर शिवसेना के विधायक शिंदे कैंप में गुवाहटी पहुंच गए और यहां महाविकास अघाड़ी की सरकार गिर गई।
बहुमत परीक्षण की बारी आई तो सबको लगा कि अब क्या ही बदलेगा जो होना था सो हो गया। लेकिन उद्धव ठाकरे को अभी एक और झटका लगना बाकी था। वो विधायक जो कभी उद्धव ठाकरे के लिए आंसू बहा रहा था वो भी विश्वास मत से पहले पलट गया।
विश्वास मत से पहले शिंदे गुट में शामिल हुए संतोष बांगड़
विश्वास मत साबित करने से पहले महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास तय बहुमत था लेकिन अब उद्धव ठाकरे के समर्थन करने वाले बचे हुए विधायक भी क्या ही करते। अपना राजनीतिक भविष्य बर्बाद करने से बेहतर उन्हे पाला बदलना ही लगा।
विश्वास मत साबित करने से एक रात पहले विधायक संतोष बांगड़ भी शिंदे गुट का हिस्सा बन गए। गौर करने वाली बात ये हैं कि संतोष बांगड़ वहीं विधायक है जो करीब एक हफ्ते पहले ही उद्धव ठाकरे के समर्थन में सार्वजनिक रूप से रो पड़े थे।
हफ्ते भर पहले उद्धव ठाकरे के समर्थन बहाए थे आंसू
बता दें कि 24 जून को जब उद्धव ठाकरे विधायकों को एकनाथ शिंदे के बागी गुट में शामिल होने से रोकने के लिए लड़ रहे थे तब संतोष बांगड़ ने हाथ जोड़कर रोते हुए अपने निर्वाचन क्षेत्र में लोगों को संबोधित किया था। उन्होने उद्धव ठाकरे में आंसू भी बहाए थे और शिवसेना में हुई बगावत को विश्वासघात कहा था। उन्होने इसका एक वीडियो भी पोस्ट किया था।