प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के समर्थन में अभियान का प्रसार करने के लिए सोमवार (30 दिसंबर) को आध्यात्मिक सदगुरु जग्गी वासुदेव का एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो को लेकर विवाद हो रहा है। ट्विटर पर कई लोगों ने दावा किया है कि जग्गी वासुदेव के जिस वीडियो को पीएम मोदी ने शेयर किया है, उसमें सीएए को लेकर कई गलतियां है। लोग ट्विटर पर लिख रहे हैं कि खुद उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर अच्छे नहीं पढ़ा और छात्रों से अपील कर रहे हैं कि वह विरोध करने से पहले सीएए के बारे में पढ़ लें।
यूट्यूबर ध्रुव राठी ने भी ट्वीट कर लिखा, सीएए पर सद्गुरु के विचार का सारांश। उन्होंने इस अधिनियम को नहीं पढ़ा, लेकिन इस पर 20 मिनट का भाषण दिया और फिर छात्रों को सीएए पर ना पढ़ने ते लिए भी डांटा।
वहीं अंग्रेजी वेबसाइट टाइम्स नॉउ के अधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया है। जिसमें सदगुरु के पांच दावों का फैक्ट चेक किया गया है। इस ट्वीट को हजारों लोगों ने शेयर किया है।
सदगुरु जग्गी वासुदेव ईशा फाउंडेशन द्वारा चलाए गए पोल को लेकर भी विवाद में ट्वीट किया कि डिलीट करना पड़ा
ईशा फाउंडेशन ने ट्विटर पर एक पोल चलाकर पूछा था कि CAA और NRC को लेकर जो विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, वह उचित है? लेकिन कुछ ही देर में इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया। तब तक इस ट्वीट के पोल में 8946 लोग वोट कर चुके थे। ट्वीट पर वोट करके 62 प्रतिशत लोग ने विरोध-प्रदर्शन को सही ठहराया था। 38 फीसद लोगों ने विरोध-प्रदर्शन ने विरोध में वोट किया था। जिसकी वजह से डिलीट कर दिया गया।
सीएए को लेकर देशभर में कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कई जगह यह विरोध प्रदर्शन हिंसक भी हो रहे हैं। दर्जनों लोगों की मौत हो गई है।