यूपी के डॉ कफिल खान को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से मिली राहत, नागरिकता कानून पर दिया था भाषण

By दीप्ती कुमारी | Published: August 27, 2021 10:20 AM2021-08-27T10:20:21+5:302021-08-27T10:25:42+5:30

डॉ कफिल खान को कोर्ट ने नागरिकता कानून पर भड़काऊ भाषण देने के मामले में राहत मिली है । इसपर कफिल ने कहा कि कोर्ट के इस निर्णय से न्यायापालिका पर विश्वास बढ़ेगा ।

criminal proceedings against dr kafeel khan critical of up government set aside | यूपी के डॉ कफिल खान को इलाहाबाद उच्च न्यायालय से मिली राहत, नागरिकता कानून पर दिया था भाषण

फोटो - काफिल खान

Highlightsयूपी के डॉ कफिल को इलाहाबाद कोर्ट से मिली राहत कोर्ट ने यूपी पुलिस की कार्यवाही को गलत बताया और स्थानीय अदालत में वापस भेजाकफिल खान पर एएमयू में नागरिकता कानून पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप था

लखनऊ : इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2019 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय  में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विषय पर दिए गए एक कथित भड़काऊ भाषण देने के मामले में डॉ कफिल खान को राहत दी है । कोर्ट ने तकनीकी आधार कार्यवाही को रद्द कर दिया । 

न्यायमूर्ति गौतम चौधरी ने डॉक्टर खान की इस दलील से सहमति जताई कि अलीगढ़ मजिस्ट्रेट के समक्ष आरोप पत्र दाखिल करने से पहले पुलिस ने उत्तर प्रदेश सरकार की अनिवार्य पूर्व अनुमति नहीं ली थी। न्यायाधीश ने अब मामले को वापस स्थानीय अदालत में भेजकर सही प्रक्रिया का पालन करने को कहा है।

डॉ खान द्वारा जारी बयान में कहा गया कि "यह भारत के लोगों के लिए एक बड़ी जीत है और न्यायपालिका में हमारे विश्वास को पुनर्स्थापित करता है। माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय के इस फैसले से उत्तर प्रदेश के लोगों के साथ योगी आदित्यनाथ सरकार की मनमानी पूरी तरह से उजागर हो गई है।"  

उन्होंने कहा कि ' हम यह उम्मीद करते हैं कि इस निर्णय से भारत भर के जेलों में बंद लोकतंत्र समर्थक नागरिकों और कार्यकर्तओं को नयी उम्मीद मिलेगी । हम भारतीय लोकतंत्र को लंबे समय तक जीवित रखेंगे । '

खान पर कथित तौर पर एएमयू के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने और अपने 13 दिसंबर, 2019 के भाषण के माध्यम से सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का प्रयास करने का आरोप लगाया गया था । इसके अलावा उनपर धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता की भावना को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया गया था । यूपी के डॉ कफील खान को नागरिकता कानून के भाषण पर कोर्ट को राहत दी गई है । डॉ कफील खान उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के मुखर आलोचक रहे हैं।

उन्हें 29 जनवरी 2020 को गिरफ्तार किया गया था और बाद में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम लगा दिया गया , जिसके तहत एक साल तक बिना कोर्ट में पेश किए आरोपी को हिरासत में रखा जा सकता है लेकिन सितंबर में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने खान की हिरासत को अवैध बताया औऱ तत्काल रिहाई का आदेश दिया था । हालांकि उनपर भारतीय दंड संहिता के तहत आपराधिक कार्यवाही जारी थी।
 

Web Title: criminal proceedings against dr kafeel khan critical of up government set aside

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