डॉ.आंबेडकर ने 25 दिसंबर 1927 को क्यों जलाई थी मनुस्मृति?
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 25, 2021 18:57 IST2021-12-25T18:56:51+5:302021-12-25T18:57:56+5:30
भारतीय संविधान के निर्माता, देश के पहले कानून मंत्री और समाज के वंचित तबकों के अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले डॉ. भीमराव आंबेडकर ने वैसे तो इतिहास, धर्म, अर्थशास्त्र, सामाजिक न्याय जैसे विषयों पर कई किताबें लिखी हैं लेकिन समाज के कमजोर तबकों के लिए अपनी लड़ाई के दौरान डॉ.आंबेडकर ने 25 दिसंबर 1927 को एक किताब अपने हाथों से जलाई भी थी. यह कोई मामूली किताब नहीं बल्कि मनुस्मृति थी. मनुस्मृति दहन की यह घटना दलित चेतना आंदोलन के इतिहास में मील के पत्थर के तौर पर दर्ज है.

















