राष्ट्रपति चुनाव में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी राजग की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू आज ओडिशा दिल्ली पहुंची हैं। मुर्मू शुक्रवार को राष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव के लिए अपना नामांकन में दाखिल करेंगी।इस चुनाव में द्रौपदी मुर्मू का सीधा मुकाबला विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार और तृणमूल नेता यशवंत सिन्हा के साथ होना तय है। भुवनेश्वर से दिल्ली के लिए उड़ान भरते समय द्रौपदी मुर्मू के साथ मौजूद उनकी बेटी इतिश्री ने कहा कि हमने कभी सोचा भी नहीं था कि ऐसा भी हो सकता है। हमें अब भी भरोसा नहीं हो रहा है कि ऐसा होने जा रहा है। बैंक में काम करने वाली इतिश्री ने कहा कि उनकी मां को भी इस बात का भरोसा नहीं था कि वो एक दिन देश के सर्वोच्च पद के लिए चुनाव लड़ेंगी।ओडिशा से हवाई यात्रा करके जब द्रौपदी मुर्मू दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंची तो वहां पर उनकी अगवानी केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, अर्जुन राम मेघवाल और डॉक्टर वीरेंद्र कुमार ने की। इसके साथ ही सांसद मनोज तिवारी सहित दिल्ली भाजपा के कई नेताओं ने भी झारखंड के पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का स्वागत किया।राष्ट्रपति का चुनाव भारत संघ का सबसे वृहद चुनाव होता है। एकल संक्रमणीय मत प्रणाली के जरिये होने वाले इस चुनाव में राजग के पास अभी कुल 5,26,420 मत हैं। जबकि इस चुनाव में जीत के लिए 5,39,420 मतों की जरूरत होती है। अब अगर वोटों के समीकरणों को देखें तो प्रश्न उठता है कि राजग बचे हुए 13,000 वोटों का इंतजाम कहा से करेगा। इसके लिए राजग विपक्षी दलों को टटोल रहा है।वहीं चूंकि द्रौपदी मुर्मू स्वयं ओडिशा से आती हैं, इसलिए वहां के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने ऐलान कर दिया है कि बीजू जनता दल इस चुनाव में मुर्मू का समर्थन करेगी। इस लिहाज से देखें तो बीजेडी के 31000 मतों का मुर्मू के खाते में जाना तय माना जा रहा है। इसके अलावा अगर दक्षिण में जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस भी अगर द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट करती है तो उसके खाते के भी 43000 मत मुर्मू के पक्ष में जा सकते हैं।इसके अलावा राजग कोशिश कर रही है कि आदिवासी सम्मान के नाम पर झारखंड में सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा भी द्रौपदी मुर्मू को वोट करे और अगर हेमंत सोरेन की पार्टी भी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में जाती है तो इससे मुर्मू को तकरीबन 20000 वोटों का फायदा होगा और वो आसानी से रायसीना की पहाड़ी पर बने भव्य राष्ट्रपति भवन में आसानी से दाखिल हो सकते हैं।लेकिन यहां एक बात और भी गौर करने की है कि यशवंत सिन्हा भी खुद झारखंड से आते हैं और झारखंड मुक्ति मोर्चा राज्य में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही है ऐसे में हेमंत सोरेन का एनडीए के पाले में जाने पर छोड़ा संशय बना हुआ है। अगर झारखंड मुक्ति मोर्चा के वोटों को छोड़ दें, तब भी राजग के पास लगभग छह लाख से ज्यादा वोट हो जाएंगे।अगर सारी बातों पर गौर करें तो द्रौपदी मुर्मू की तुलना में यशवंत सिन्हा का पलड़ा काफी कमजोर दिखाई दे रहा है। विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार होने के बावजूद सिन्हा के खाते में महज 3,70,709 वोट जाते हुए दिखाई दे रहे हैं।विपक्ष की ओर से अगर हम बात करें तो काग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए के पास 2,59,000, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के पास 58,000, अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के पास 28,688 वोट और वाम दलों के पास 25,000 वोट हैं। राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू 24 जून को नामांकन दाखिल करेंगी तो यशवंत सिन्हा 27 जून को पर्चा दाखिल करेंगे।