असम में मोदी..दिल्ली अब दूर नहीं दिसपुर के दरवाजे पर है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज असमवासियों के लिए सरकारी खजाने की बौछार लगा दी। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर निशाना साधते पीएम ने कहा उन्होंने दशकों तक राज्य व पूर्वोत्तर की “अनदेखी” की। एक महीने में असम के अपने तीसरे दौरे में 3,222 करोड़ रुपये से ज्यादा की पेट्रोलियम क्षेत्र की तीन परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित करते हुए मोदी ने सर्बानंद सोनोवाल के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार और केंद्र द्वारा पिछले कुछ सालों में विकास के कदमों का जिक्र किया। उन्होंने ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी किनारे पर 45 करोड़ रुपये की शुरुआती परियोजना लागत वाले धेमाजी इंजीनियरिंग कॉलेज का उद्घाटन किया। 55 करोड़ रुपये की लागत वाले सुआलकुची इंजीनियरिंग कॉलेज की आधारशिला रखी। इससे पहले 7 फरवरी को पीएम ने असम में 9,310 करोड़ रुपये लागत की परियोजनाओं की आधारशिला रखी थी। 18 फरवरी को उन्होंने राज्य को 10 हजार करोड़ रुपये की परियोजनाओं की सौगात दी थी।आज उन्होंने कहा, “जिन लोगों ने आजादी के बाद से दशकों तक शासन किया वो मानते थे कि दिसपुर दिल्ली से बहुत दूर था। दिल्ली अब दूर नहीं आपके दरवाजे पर है।” उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्ववर्ती सरकारों ने उत्तरी तट क्षेत्र से “सौतेली मां” जैसा व्यवहार किया और संपर्क, स्वास्थ्य, शिक्षा और उद्योग की अनदेखी की। उन्होंने कहा, “मैं पूर्व में राज्य के उत्तरी किनारे पर गोगामुक में आया था और कहा था कि असम और पूर्वोत्तर देश के विकास के नए इंजन बनेंगे और हम इस विश्वास को फलीभूत होते देख रहे हैं।”प्रधानमंत्री ने कहा कि असम सरकार के सतत प्रयासों के कारण 20 से ज्यादा इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित हुए हैं। नई शिक्षा नीति (एनईपी) के संदर्भ में उन्होंने कहा कि स्थानीय भाषाओं में पढ़ाने पर उसमें दिया जा रहा जोर गरीब परिवार के बच्चों को भी डॉक्टर और इंजीनियर बनने में मदद करेगा। मोदी ने कहा कि असम में 2014 तक महज 40 प्रतिशत परिवारों के पास रसोई गैस का कनेक्शन था वह भी तब जब राज्य तेल, प्राकृतिक गैस और रिफाइनरी के मामले में समृद्ध है। अब राज्य की लगभग समूची आबादी उज्ज्वला योजना के तहत आती है और एक करोड़ महिलाओं को फायदा हुआ है। “गैस पाइपलाइन, ऑप्टिकल फाइबर तंत्र और पाइप से पेयजल आपूर्ति की पहल सिर्फ लोहे की पाइप और फाइबर नहीं हैं। ये भारत की नई भाग्य रेखाएं हैं।” मोदी ने कहा कि वह असम और अन्य चुनाव वाले राज्यों में चुनाव की घोषणा से पहले अधिक से अधिक बार दौरा करेंगे। चुनावों की घोषणा संभवत: मार्च के पहले सप्ताह में होगी।