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Parliament Canteen: Budget Session से पहले Parliament की Canteen में Subsidy खत्म, Parliament Food Rate List

By गुणातीत ओझा | Updated: January 20, 2021 22:01 IST2021-01-20T22:00:13+5:302021-01-20T22:01:11+5:30

संसद भवन की कैंटीन में माननीय सांसद अब बेहद सस्ती दरों पर लजीज खाने का लुत्फ नहीं उठा सकेंगे। सरकार ने पार्लियामेंट कैंटीन में मिलने वाली फूड सब्सिडी को बंद कर दिया है।

संसद की सस्ती लजीज थाली माननीयों को याद आएगी

संसद भवन की कैंटीन में माननीय सांसद अब बेहद सस्ती दरों पर लजीज खाने का लुत्फ नहीं उठा सकेंगे। सरकार ने पार्लियामेंट कैंटीन में मिलने वाली फूड सब्सिडी को बंद कर दिया है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मंगलवार को कहा कि संसद की कैंटीन में सांसदों को भोजन पर दी जाने वाली सब्सिडी पर रोक लगा दी गई है। इस कदम से उम्मीद है कि हर साल सरकार को 8 करोड़ रुपये की बचत होगी, जो पार्लियामेंट कैंटीन को सब्सिडी के रूप में दी जाती थी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बताया कि सांसदों और अन्य लोगों को अब खाने की लागत के हिसाब से ही भुगतान करना होगा।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बताया कि साथ ही संसद की कैंटीन को अब नॉर्दर्न रेलवे के बदले ITDC (इंडियन टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन) चलाएगा। आपको बता दें कि संसद की कैंटीन में वेज थाली सिर्फ 35 रुपये में मिलती थी। वहीं, चिकन करी सिर्फ 50 रुपए में मिलती थी। थ्री कोर्स लंच की कीमत 106 रुपए निर्धारित थी और प्लेन डोसा मात्र 12 रुपए में मिलता था। इसके अलावा मटन करी सिर्फ 40 रुपये और चिकन बिरयानी 65 रुपये में मिलती थी। एक आरटीआई के जवाब में 2017-18 में यह रेट लिस्ट सामने आई थी।

कैंटीन में 4 रुपए में मिलता है चावल

संसद की कैंटीन में अभी 4 रुपए में चावल मिलता है। डोसा, चावल के साथ नॉनवेज पर मिलने वाली छूट 20 रुपए से लेकर 200 रुपए तक है। 2017-18 में राइट टू इनफॉर्मेशन के जरिए पता चला था कि कैंटीन में कितनी सब्सिडी दी जा रही है। तब चिकन करी 50 रुपए और वेज थाली 35 रुपए में दी जा रही थी। लंच के लिए 106 रुपए तय थे। साउथ इंडियन फूड में प्लेन डोसा सिर्फ 12 रुपए में मिलता था। इस कैंटीन में खाने पर भारी-भरकम सब्सिडी को लेकर दिसंबर 2015 में मीडिया में आई रिपोर्टों के बाद एक जनवरी 2016 को यहां खाने की कीमतें बढ़ाई गई थीं। सांसदों के साथ-साथ यहां का स्टाफ, सुरक्षाकर्मी, पत्रकार और संसद की कार्यवाही देखने के लिए आने वाले लोग अमूमन संसद कैंटीन में ही खाना खाते हैं।

2015 में BJD सांसद ने मांग उठाई थी

2015 में रिपोर्ट्स में सामने आया था कि कैंटीन में खाने की लागत पर 80% तक सब्सिडी दी जाती है। उस समय बीजू जनता दल के सांसद बैजयंत जय पांडा ने स्पीकर को चिट्‌ठी लिखकर सब्सिडी खत्म करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि जब सरकार आर्थिक रूप से मजबूत लोगों से LPG सब्सिडी वापस करने के लिए कह रही है तो सांसदों से भी कैंटीन में सब्सिडी की सुविधा वापस ले लेनी चाहिए।

8 अप्रैल तक चलेगा बजट सेशन

स्पीकर ने लोकसभा और राज्यसभा के शेड्यूल के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बजट सेशन 29 जनवरी से 8 अप्रैल तक चलेगा। राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलेगी। लोक सभा शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक चलेगी। 29 जनवरी को राष्ट्रपति दोनों सदनों को संबोधित करेंगे। 1 फरवरी को बजट पेश किया जाएगा। 29 जनवरी से 15 फरवरी और 8 मार्च से 8 अप्रैल के बीच सदन की बैठकें होंगी। 15 फरवरी से 8 मार्च के बीच 20 दिन का ब्रेक रहेगा। सितंबर में खत्म हुए मानसून सेशन के बाद पहली बार संसद का कोई सेशन हो रहा है। कोरोना के चलते सरकार ने विंटर सेशन को कैंसल कर दिया था। स्पीकर ने साफ किया कि सभी सांसदों को सेशन में शामिल होने से पहले RT-PCR टेस्ट कराना होगा। यह सभी के लिए मेंडेटरी होगा।

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