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Bhima Koregaon Battle और BR Ambedkar का रिश्ता

By प्रतीक्षा कुकरेती | Published: January 1, 2020 08:26 PM2020-01-01T20:26:43+5:302020-01-01T20:26:43+5:30

 

अंग्रेजों और मराठा पेशवा के बीच साल 1818 में लड़े गए the battle of bhima koregaon को Dalit Historian दलित उत्थान के इतिहास में अहम मानते हैं। First World War के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने महार सैनिकों की भर्ती बंद कर दी थी। Gopal Baba Walangkar और Shivram Janba Kamble ने महारों को ब्रिटिश सेना में शामिल करने कि मुहिम चलायी थी। Shivram Kamble ने Bhima Koregaon के स्मारक पर सालाना जलसे की शुरुआत की। Shivram Kamble के बुलावे पर 1927 में Dr BR Ambedkar ने इस वार्षिक जलसे में शिरकत की थी। तभी से दलित हर साल एक जनवरी को भीमा कोरेगांव स्मारक पर इकट्ठा होते हैं। भीमा-कोरेगांव रणस्तम्भ सेवा संघ (BKRS) के तत्कालिन अध्यक्ष सरजेराव वाघमारे ने मीडिया को बताया था कि भीमा कोरेगांव की 200वीं बरसी पर यहाँ आठ लाख दलित पूरे देश से एकत्रित हुए थे।