बिहार में एक नहीं दिख रहा है 'इंडिया गठबंधन', तेजस्वी नाम केवलम के सहारे चुनावी नैया क्या होगी पार!
By एस पी सिन्हा | Published: May 4, 2024 03:39 PM2024-05-04T15:39:12+5:302024-05-04T15:53:36+5:30
कांग्रेस उम्मीदवारों के समर्थन में चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अलावे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तो आए, लेकिन राजद उम्मीदवारों के समर्थन में कहीं भी चुनाव प्रचार नही किया।
Lok Sabha Election 2024:बिहार में इंडिया गठबंधन का हाल यह है कि लोकसभा चुनाव में सहयोगी दलों के बीच बेहतर तालमेल की खासी कमी देखी जा रही है। राजद नेता तेजस्वी यादव को छोड़कर अन्य किसी दल का कोई दिग्गज नेता चुनाव प्रचार में साथ नजर नहीं आ रहा है। कांग्रेस उम्मीदवारों के समर्थन में चुनाव प्रचार के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अलावे राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तो आए, लेकिन राजद उम्मीदवारों के समर्थन में कहीं भी चुनाव प्रचार नही किया।
उसी तरह वाम दल के नेता भी एक दूसरे दलों के समर्थन में उम्मीदवारों के प्रचार में नहीं जा रहे हैं। हालांकि तेजस्वी यादव ने कुछ जगहों पर दूसरे दलों के लिए भी प्रचार किया है।ऐसे में कहा जाए तो चुनाव प्रचार की कमान तेजस्वी यादव अपने हाथ में ले ली है। उधर, मीसा भारती और रोहिणी आचार्य चुनावी मैदान में हैं। ऐसे में चुनाव प्रचार में लालू का पूरा परिवार लगा हुआ है। लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव उनके लिए वोट मांग रहे हैं। जबकि तेजस्वी यादव इंडिया गठबंधन के मजबूती का दावा करते हुए वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी को साथ लेकर पूरे बिहार का दौरा कर रहे हैं। इस बीच उनकी पार्टी में ही भगदड़ की स्थिति है।
लोकसभा चुनाव की जारी गहमागहमी के बीच पूर्व सांसद डॉ अहमद अशफाक करीम, बूलो मंडल, रामा सिंह, वृषण पटेल, देवेंद्र यादव, गणेश प्रसाद के अलावे पूर्व डीजीपी करुणा सागर जैसे कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी से पल्ला झाड़ लिया है। यही नहीं पूर्व सांसद मरहूम मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब ने भी राजद से दूरी बनाते हुए सीवान से निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर गई हैं। हेना को अंत तक मनाने की कोशिश हुई, लेकिन उन्होंने लालू -तेजस्वी के निमंत्रण को ठुकरा दिया।
राजद छोड़ने वाले तमाम नेताओं ने पार्टी में लोकतंत्र खत्म होने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया। पार्टी छोड़ते वक्त सभी ने कहा कि राजद में अब लोकतंत्र नहीं बचा। कथित तौर पर राजद केवल परिवार की पार्टी बन गई है। इसके बाद सवाल उठने लगा है कि क्या लालू यादव से लोगों का मोहभंग होने लगा है? वैसे लालू यादव भले ही राजद प्रमुख हों लेकिन माना जा रहा है कि अब पार्टी की कमान तेजस्वी के हाथ में है। तेजस्वी यादव राजद को को अपने तरीके से चलाना चाहते हैं, जिसके कारण पार्टी के पुराने दिग्गज राजद का साथ छोड़ रहे हैं।