इतिहास गवाह है कि इस तरह की पक्षपातपूर्ण सोच अपनानेवाले देश तबाह हो गए. नाजी जर्मनी और हाल में म्यांमार तथा पाकिस्तान की घटनाएं इसका जीवंत उदाहरण हैं. ...
सर्वप्रथम 27 जनवरी 1947 को एक आयोग गठित किया था, जिसकी सिफारिशों के सार्वभौमिक घोषणा पत्न को संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्यों ने 10 दिसंबर 1948 को सर्वसम्मति से स्वीकार किया था। तभी से विश्वभर में 10 दिसंबर का दिन ‘विश्व मानवाधिकार दिवस’ के रूप में मना ...
अफगानिस्तान की तालिबान के साथ ही म्यांमार में तख्तापलट कर नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू की और उनकी पार्टी के सदस्यों को जेल भेजकर अपना शासन स्थापित करने वाली सेना जुंटा को संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिनिधित्व नहीं दिया। ...
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय के प्रवक्ता रूपर्ट कॉलविल ने एक बयान जारी कर कहा कि जम्मू और कश्मीर और भारत के अन्य हिस्सों में मानवाधिकार रक्षकों, पत्रकारों और अन्य आलोचकों के काम को दबाने के लिए अधिनियम का तेजी से उपयोग किया जा रहा है। ...
ब्राजील के तीन कैबिनेट मंत्रियों ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति जेयर बोल्सानारो और पर्यावरण मंत्री जोकिम लेइत दोनों को पता था कि ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन होने से पहले अमेजन क्षेत्र में सालाना वनों की कटाई बढ़ाई गई थी लेकिन समझौते पर ...
दो हफ्तों तक चले सम्मेलन के दौरान ही थनबर्ग और अन्य पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने सम्मेलन में चल रही चर्चाओं पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि दुनियाभर के नेताओं की कथनी और करनी में बहुत अंतर है. ...
भारत और चीन ने आखिरी समय में कोयले और जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने (फेज आउट) की शब्दावली में परिवर्तन कराकर चरणबद्ध तरीके से कम करने (फेज डाउन) की शब्दावली में परिवर्तित कराने में सफलता हासिल कर ली. ...