यह युद्धाभ्यास क्षेत्र से गुजरते रणनीतिक जलमार्गों पर कई वाणिज्यिक जहाजों को हुती आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाए जाने को लेकर बढ़ रही वैश्विक चिंताओं की पृष्ठभूमि में हुआ है। ...
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि वायुसेना मरम्मत और रखरखाव गतिविधियों के लिए विदेशी ओईएम (मूल उपकरण निर्माताओं) पर भरोसा नहीं कर सकती है और इसे देश में ही करना होगा। ...
सुखोई-30 एमकेआई, मूल रूप से रूस में विकसित एक शक्तिशाली लड़ाकू जेट है। यह भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की अग्रिम पंक्ति का विमान है और इसे वायुसेना की रीढ़ भी कहा जाता है। ...
एईएसए फायर कंट्रोल रडार, एवियोनिक्स और अन्य प्रणालियों जैसे महत्वपूर्ण घटकों को स्वदेशी रूप से विकसित भारतीय तकनीक से बदलने से रूस पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी। सुखोई-30 एमकेआई को अपग्रेड करने का काम एचएएल को सौंपा गया है। ...
सुखोई-30 एमकेआई वायुसेना के पास सबसे आधुनिक युद्धक विमान हैं। भारतीय वायुसेना के पास लड़ाकू विमानों के लगभग 32 स्क्वाड्रन हैं। ये चीन तथा पाकिस्तान की दोहरी चुनौती को देखते हुए पर्याप्त नहीं है। ...
यह एक पांचवीं पीढ़ी का बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है जिसे सभी प्रकार के हवाई, जमीन और नौसैनिक लक्ष्यों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। सुखोई-57 फाइटर जेट में स्टील्थ तकनीक है। ...
बाड़मेर वायु सेना स्टेशन पर सुखोई 30-एमकेआई को तैनात करने महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां से पाकिस्तान की सीमा बेहद नजदीक है। सुखोई 30-एमकेआई भारत के सबसे उन्नत विमानों में से हैं और इनसे परमाणु हमले में सक्षम मिसाइल और सुपरसोनिक ब्रह्मेस भी दागी जा सकती ...
भारतीय वायुसेना के पास लगभग 270 सुखोई हैं। इनमें से एक बड़े हिस्से को वायुसेना अपग्रेड करना चाहती है ताकि इनकी उम्र 20 साल बढ़ सके। 2025 तक मिग-21 लड़ाकू विमानों की उड़ानों पर पूरी तरह रोक लगाने की भी योजना है। इसे देखते हुए तेजस विमानों के स्क्वाड्र ...