ज्यादा खतरनाक होगा सुखोई-30 एमकेआई, अपग्रेड होने के बाद 78 प्रतिशत उपकरण स्वदेशी होंगे, जानिए क्या होंगे बदलाव

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: December 21, 2023 11:29 AM2023-12-21T11:29:29+5:302023-12-21T11:31:29+5:30

एईएसए फायर कंट्रोल रडार, एवियोनिक्स और अन्य प्रणालियों जैसे महत्वपूर्ण घटकों को स्वदेशी रूप से विकसित भारतीय तकनीक से बदलने से रूस पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी। सुखोई-30 एमकेआई को अपग्रेड करने का काम एचएएल को सौंपा गया है।

Sukhoi 30 MKI will be more dangerous after upgrade 78 percent equipment will be indigenous | ज्यादा खतरनाक होगा सुखोई-30 एमकेआई, अपग्रेड होने के बाद 78 प्रतिशत उपकरण स्वदेशी होंगे, जानिए क्या होंगे बदलाव

सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों को अपग्रेड किया जा रहा है

Highlightsमौजूदा रूसी रडार को स्वदेशी रूप से विकसित एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (एईएसए) रडार से बदला जाएगाखोई-30 एमकेआई में नई भारतीय हथियार प्रणालियों को भी लगाया जाएगाअपग्रेड होने के बाद सुखोई के 78% उपकरण स्वदेशी हो जाएंगे

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाने और किसी भी आपात परिस्थिति में दुश्मन को करारा जवाब देने के लिए इसके बेड़े में शामिल लड़ाकू विमानों को अपग्रेड करने का काम जारी है। इस क्रम में सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों को अपग्रेड किया जा रहा है और इसके ज्यादातर उपकरणों को भारतीय प्रणालियों से बदला जा रहा है। 

वायु सेना प्रमुख (सीएएस) एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने घोषणा की है कि सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमान अपग्रेडेशन के बाद भारतीय विमानों में बदल जाएंगे। इसका मतलब यह है कि इसमें लगे ज्यादातर रूसी उपररणों की जगह भारतीय उपकरण ले लेंगे। यह कदम रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को महत्वपूर्ण बढ़ावा भी होगा। अपग्रेड होने के बाद सुखोई के  78% उपकरण स्वदेशी हो जाएंगे।

बता दें कि सुखोई-30 एमकेआई, मूल रूप से रूस में विकसित एक शक्तिशाली लड़ाकू जेट है। यह भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की अग्रिम पंक्ति का विमान है और इसे वायुसेना की रीढ़ भी कहा जाता है। अब एईएसए फायर कंट्रोल रडार, एवियोनिक्स और अन्य प्रणालियों जैसे महत्वपूर्ण घटकों को स्वदेशी रूप से विकसित भारतीय तकनीक से बदलने से रूस पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी। सुखोई-30 एमकेआई को अपग्रेड करने का काम एचएएल को सौंपा गया है जो विमान निर्माण और अपग्रेडेशन में अपनी विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है। 

सुखोई-30 एमकेआई में ये बदलाव होंगे

एईएसए रडार प्रणाली- मौजूदा रूसी रडार को स्वदेशी रूप से विकसित एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्कैन्ड एरे (एईएसए) रडार से बदला जाएगा। इस बदलाव से विमान की  ट्रैकिंग क्षमताओं में काफी सुधार होगा। यह आधुनिक हवाई युद्ध में महत्वपूर्ण बढ़त प्रदान करेगा।

एवियोनिक्स- एवियोनिक्स सूट को उन्नत भारतीय प्रणालियों के साथ अपग्रेड करने से नेविगेशन, संचार और हथियार वितरण सहित विमान के समग्र प्रदर्शन में वृद्धि होगी। 

इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट- एक उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट की मदद से दुश्मन के राडार को जाम करने और इलेक्ट्रॉनिक हमलों का मुकाबला करने में दक्षता मिलेगी। 

हथियार प्रणालियाँ- सुखोई-30 एमकेआई में नई भारतीय हथियार प्रणालियों को भी लगाया जाएगा। इस बदलाव से इसकी आक्रामक क्षमताओं में और वृद्धि होगी।

Web Title: Sukhoi 30 MKI will be more dangerous after upgrade 78 percent equipment will be indigenous

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