सावन हिंदू धर्म में सबसे पवित्र महीनों में गिना जाता है। हिंदी पंचांग के अनुसार सावन का माह आषाढ़ के बाद आता है। सावन के महीने को ही श्रावण मास भी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि ये माह भगवान शिव को बहुत प्रिय है। इसलिए इस महीने में उनकी पूजा का विशेष महत्व है। Read More
अक्सर व्यक्ति कालसर्प दोष का नाम सुनते ही घबरा जाता है। कुंडली में कालसर्प दोष का पाया जाना कोई बहुत बड़ी घटना नहीं मानी जाती है। देखा जाता है कि 70 प्रतिशत लोगों की कुंडली में यह दोष होता है। ...
भगवान शिव का अत्यंत प्रिय श्रावण मास अर्थात सावन का महीना भगवान शंकर को प्रसन्न करने और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने का महोत्सव है। मान्यता है कि इसी मास में जगत जननी देवी पार्वती ने कठोर तपस्या एवं व्रत करके भगवान शिव को प्रसन्न किया और उन्हें पति रूप ...
सावन माह में भगवान शिव की आराधना उत्तम मानी गई है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए यह श्रेष्ठ माह माना जाता है। पूरे माह भक्त पूरी श्रद्धा से भगवान शिव और उनके परिवार की पूजा करते हैं। ...
समुद्रमंथन से जब विष बाहर आया, तो सभी ने कदम पीछे खींच लिए थे क्योंकि विष कोई नहीं पी सकता था। ऐसे में महादेव ने स्वयं विष (हलाहल) पिया और उन्हें नीलकंठ नाम दिया गया। ...
मान्यता है जो भी भक्त पूरी श्रद्धा भाव से सावन के महीने में भगवान शिव की आराधना करता है उसकी सभी तरह की मनोकामना सावन के महीने में भोले शंकर जरूर पूरी करते हैं। ...
Ardhanarishwar Shivling: भगवान शिव और मां पार्वती के अनेक मंदिरों के बारे में आपने सुना होगा और उनका दर्शन भी किया होगा। आइये आज आपको बताते हैं भगवान शिव के एक ऐसे इकलौते मंदिर के बारे में जहां शिव और मां पार्वती मिलन होता है। ...