यूक्रेन सोवियत संघ के विघटन के बाद 1991 में रूस से अलग हुआ था। यूक्रेन के हालांकि बाद के वर्षों में NATO से जुड़ने की कोशिश से रूस असहमति दिखाता रहा है। रूस को लगता है कि यूक्रेन NATO से जुड़ने से उसकी सुरक्षा हमेशा खतरे में रहगी। रूस का मानना है कि अमेरिका सहित नाटो के अन्य सदस्य देशों की सेनाएं उसकी सीमा के बेहद करीब आ जाएंगी और वह एक तरह से चारों ओर से घिर जाएगा। इसी के खिलाफ रूस कदम उठाने की बात कर रहा है और यूक्रेन पर कार्रवाई की बात कर रहा है। Read More
बर्लिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "हम मानते हैं कि इस युद्ध में कोई विजेता नहीं होगा और सभी को नुकसान होगा इसलिए, हम शांति के पक्ष में हैं। ...
किसान इस बात को लेकर परेशान हैं कि अगर यह युद्ध लंबा खिंचा तो खाद की आपूर्ति कहां से होगी। अगर खाद की कमी होगी तो फिर फसलों में खाद कहां से डाला जायेगा? ...
यूक्रेन के कीव के उत्तर के गांव डेमीडिव में यूक्रेनी सेना की मदद के लिए बाढ़ जानबूझकर लाई गई है। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि रूसी सेना को आगे बढ़ने से रोका जा सके और यूक्रेनी सेना तब तक उनका मुकाबला करने मुस्तैद हो जाए। ...
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर को बड़ी मजबूती से भारत का पक्ष अंतरराष्ट्रीय मंच पर रखते हुए देखा जाता है। इसी क्रम में अपनी किताब 'द इंडिया वे' में भी उन्होंने बताया है कि वो एक बदलती दुनिया में भारत की भूमिका को कैसे देखते हैं और कैसे चाहते हैं कि दुनिया ...
फ्रांस में बेरोजगारी और महंगाई की वजह से लोग परेशान हैं. इमैनुएल मैक्रों ने पिछले चुनाव में बढ़-चढ़कर जो दावे किए थे, उन्हें वे पूरा नहीं कर सके. इसके बावजूद वे जीत वापस सत्ता में लौटे हैं. ...
Russia Ukraine War: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के स्वास्थ्य को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें और वीडियो उन्हें लेकर शेयर किए जा रहे हैं। ...
रूस-यूक्रेन युद्ध में चीन का फायदा ही फायदा है. इस युद्ध में रूस जितना भी कमजोर पड़ता जाएगा, चीन की पकड़ मजबूत होगी. रूस कमजोर होने के बाद चीन की ओर झुकेगा और शी जिनपिंग का इसका ही इंतजार है. ...