भूपेश बघेल ने कहा, ‘‘आरक्षण कोई एक वर्ग का नहीं होता है, आरक्षण सारे वर्गों के लिए होता है। सारे नियम होते हैं। क्या यह बात राजभवन को पता नहीं है। और जब हो गया तो सवाल किससे कर रहे हैं।’ ...
जनहित अभियान (नवंबर 2022) मामले में सुप्रीम कोर्ट का बहुमत का फैसला देश के अंतर-पीढ़ीगत न्याय को आगे बढ़ाने के सामूहिक प्रयास में एक ऐतिहासिक क्षण है. यह पहचान और प्रतिनिधित्व से आगे, सरकारी रोजगार और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण को सकारात्मक कार्रव ...
राज्य में महागठबंधन की सहयोगी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) ने कहा है कि बिहार से ही अलग हुए झारखंड ने जिस तरह आरक्षण का दायरा बढ़ाया है, वैसी ही हिम्मत बिहार सरकार को भी दिखानी चाहिए। ...
आर्थिक आधार पर आरक्षण को मंजूरी आरक्षण के प्रावधानों को राजनीतिक गोलबंदी के लिए इस्तेमाल करने का सबसे बड़ा उदाहरण है. कोई शक नहीं कि आरक्षण-नीति की अंत्येष्टि हो चुकी है. ...
बिहार में आरक्षण में बढ़ोतरी करने की मांग को लेकर जीतन राम मांझी ने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि जब आरक्षण का दायरा पड़ोसी राज्य में बढ़ गया है तो हम क्यों पीछे रहें। ...
संविधान की किसी धारा में आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत निश्चित नहीं की गई है। वो तो मान ली गई है 1992 में सर्वोच्च न्यायालय में आए इंदिरा साहनी मामले के कारण! उसी समय नरसिंह राव सरकार ने गरीबी के आधार पर लोगों को आरक्षण देने की घोषणा की थी। उसी घोषणा को ...