बिहार में आरक्षण को बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का गजट हुआ प्रकाशित, महागठबंधन श्रेय लेने में जुटी
By एस पी सिन्हा | Published: November 21, 2023 05:50 PM2023-11-21T17:50:10+5:302023-11-21T17:51:47+5:30
एससी-एसटी, ईबीसी और ओबीसी के आरक्षण को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने और ईडब्लूएस के लिए 10 फीसदी का कोटा रखने को लेकर बिहार गजट में इसे प्रकाशित कर दिया गया है।
पटना: बिहार में आरक्षण को बढ़ाकर 75 प्रतिशत करने का नीतीश सरकार का निर्णय मंगलवार से लागू हो गया। एससी-एसटी, ईबीसी और ओबीसी के आरक्षण को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने और ईडब्लूएस के लिए 10 फीसदी का कोटा रखने को लेकर बिहार गजट में इसे प्रकाशित कर दिया गया है। बिहार विधानमंडल ने इसी महीने हुए शीतकालीन सत्र में इसे सर्व सम्मत्ति से पारित किया था। वहीं पिछले सप्ताह राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने इस पर अपनी मुहर लग दी थी। अब बिहार गजट में इसे प्रकाशित करने के साथ ही बिहार में आरक्षण का नया फॉर्मूला लागू हो गया है।
राज्यपाल के आरक्षण संशोधन विधेयक को मंजूरी दिए जाने के बाद सत्ताधारी महागठबंधन के नेताओं ने खुशी जताई है। राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि बिहार ने इतिहास रच दिया है। राज्यपाल से कानून की मंजूरी मिलने से पिछड़ा, दलित, अति पिछड़ा सभी खुश हैं। बिहार ने जो काम किया है वह पूरे देश में होना चाहिए। नीतीश-तेजस्वी की सरकारी की वाहवाही के साथ ही शक्ति सिंह यादव ने मुख्य विपक्षी दल बीजेपी पर हमला बोला।
उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा के नेता घबराहट में हैं। उन्होंने मजबूरी में जातीय गणना और आरक्षण संशोधन विधेयक का सपोर्ट किया है। जातीय गणना को रोकने के लिए भाजपा ने परोक्ष रूप से काफी प्रयास किया। उल्लेखनीय है कि जातीय गणना की रिपोर्ट जारी करने के बाद नीतीश सरकार ने बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में आरक्षण संशोधन विधेयक का प्रस्ताव पेश किया था।
इस प्रस्ताव का सत्ताधारी दलों के साथ ही विपक्षी भाजपा ने भी समर्थन किया था और दोनो सदनों में यह विधेयक ध्वनिमत से पारित हो गया था। विधानमंडल से पारित होने के बाद इसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। पिछले दिनों एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल से जल्द से जल्द से विधेयक को मंजूरी देने की अपील की थी और अब राज्यपाल के इस प्रस्ताव पर मुहर लगाते ही 60 से 75 फीसदी तक आरक्षण बढा़ने के फैसले को हरी झंडी मिलते ही इसे लागू कर दिया गया है।
सरकार ने इसे गजट के रूप में प्रकाशित कर नया आरक्षण कानून को लागू कर दिया है। इस प्रस्ताव के अनुसार अब आरक्षण का दायरा 60 फीसदी से बढ़कर 75 फीसदी हो गया है। नई आरक्षण नीति के तहत अब एससी को 16 के बजाय 20 फीसदी, एसटी को एक से बढ़ाकर 2 फीसदी, ओबीसो को 12 से बढ़ाकर 18 फीसदी और ईबीसी को 18 से बढ़ाकर 25 फीसदी किया गया है। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को पहले की तरह 10 फीसदी आरक्षण मिलता रहेगा।