भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथ यात्रा में पहली बार ‘3डी मैपिंग’ तकनीक का इस्तेमाल किया जायेगा। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष यह यात्रा आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से शुरू होकर आषाढ़ शुक्ल की दशमी तक चलती है। Read More
मुख्यमंत्री कार्यालय ने पुष्टि की है कि घटना की गहन जांच के लिए विकास आयुक्त के अधीन उच्च स्तरीय प्रशासनिक जांच के आदेश दिए गए हैं। इस त्रासदी के जवाब में, मुख्यमंत्री ने एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया। ...
जगन्नाथ रथ यात्रा 27 जून, 2025 को मनाई जाएगी। पारंपरिक हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, यह त्यौहार आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन मनाया जाता है। यात्रा के लिए द्वितीया तिथि 26 जून, 2025, दोपहर 1:24 बजे से 27 जून, 2025, सुबह 11:19 बजे तक चलेगी। ...
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रथ खींचने के दौरान हुई दुर्घटना में एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। यह दुर्घटना भगवान बलभद्र के रथ को खींचने के दौरान हुई, जो पारंपरिक रूप से जुलूस का नेतृत्व करता है। घटनास्थल पर मौजूद आपातकालीन सेवाओं ने घायलों को ...
वार्षिक रथ यात्रा या रथ उत्सव गुंडिचा मंदिर में उनके जन्मस्थान पर पवित्र त्रिमूर्ति की 9 दिवसीय यात्रा का प्रतीक है। इस वर्ष पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा कुछ दुर्लभ घटनाओं के कारण भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होने जा रही है। ...
Ahmedabad Rath Yatra 2024: भगवान जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथों को प्राचीन परंपरा के अनुसार खलासी समुदाय के लोग खींचेंगे। भगवान की एक झलक पाने के लिए सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में श्रद्धालु खड़े रहते हैं। ...
Jagannath Rath Yatra: रथयात्रा के लिए देवताओं के तीनों रथों के पहिये बनाने के लिए 14 फुट लंबी और छह फुट घेरे वाली फासी की 72 लकड़ियों की आवश्यकता होती है। ...
Puri Rath Yatra: भगवान जगन्नाथ का ‘नंदीघोष’ रथ 44 फुट दो इंच, भगवान बलभद्र का ‘तालध्वज’ रथ 43 फुट तीन इंच और देवी सुभद्रा का रथ ‘दर्पदलन’ 42 फुट तीन इंच का होता है। ...