पितृ पक्ष, पितृ दोष से मुक्ति प्राप्त करने का सर्वोत्तम समय होता है। इस पक्ष में सही समय पर श्रद्धा भाव से किया गया श्राद्ध कर्म व्यक्ति के जीवन मे खुशियों का अंबार ला सकता है। शास्त्रानुसार प्रत्येक सनातन धर्मी को इस पक्ष में प्रतिदिन मध्यान्ह व्यापिनी तिथि को ध्यान में रखते हुए अपने पूर्वजों की संतुष्टि के लिए श्राद्ध एवं तर्पण अवश्य करना चाहिए। पृथ्वी लोक में माता पिता एवं पितृ साक्षात देवता है अतः उनकी आत्मा की शांति के लिए आश्विन कृष्ण पक्ष में श्रद्धा विश्वास एवं उत्साह के साथ मनाना चाहिए। Read More
भाद्रपद पूर्णिमा से पितृ पक्ष आरंभ होता है और सर्व पितृ अमावस्या यानि आश्विन अमावस्या के दिन समाप्त होता है। सर्व पितृ अमावस्या 6 अक्टूबर 2021 बुधवार को है। इसी दिन श्राद्ध का समापन होगा। ...
Pitru Paksha: मान्यताओं के अनुसार जो लोग पितृपक्ष में दान और श्राद्ध आदि नहीं करते, उनके पितर भूखे-प्यास ही धरती से लौट जाते हैं और परिवार को पितृदोष लगता है। ...
Pitru Paksha 2021: पितृपक्ष में मृत्यु की तिथि के अनुसार श्राद्ध करना चाहिए। जिस व्यक्ति की जिस तिथि पर मृत्यु हुई, उसी तिथि पर उसका श्राद्ध किया जाना चाहिए। ...
शक्ति, भक्ति, आस्था और उपासना का प्रतीक नवरात्रि का त्योहार आज से आरंभ हो रहा है। नवरात्रि स्थापना के साथ अधिकांश घरों में मातामह श्राद्ध किया जायेगा। नवरात्रि का पर्व देवी शक्ति मां दुर्गा की उपासना का उत्सव है। ...
पश्चिम बंगाल में बृहस्पतिवार को महालया के अवसर पर लाखों लोगों ने ‘तर्पण’ किया। हालांकि, इस वर्ष दुर्गा पूजा महोत्सव, अधिमास के कारण एक महीने बाद शुरू होगा। ...