Sarv Pitru Amavasya 2021: इस दिन खत्म होंगे श्राद्ध, महत्वपूर्ण होता है अंतिम दिन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 24, 2021 07:01 AM2021-09-24T07:01:23+5:302021-09-24T07:01:23+5:30

भाद्रपद पूर्णिमा से पितृ पक्ष आरंभ होता है और सर्व पितृ अमावस्या यानि आश्विन अमावस्या के दिन समाप्त होता है। सर्व पितृ अमावस्या 6 अक्टूबर 2021 बुधवार को है। इसी दिन श्राद्ध का समापन होगा।

Sarv Pitru Amavasya 2021 date muhurat vidhi and significance | Sarv Pitru Amavasya 2021: इस दिन खत्म होंगे श्राद्ध, महत्वपूर्ण होता है अंतिम दिन

Sarv Pitru Amavasya 2021: इस दिन खत्म होंगे श्राद्ध, महत्वपूर्ण होता है अंतिम दिन

Highlightsसर्व पितृ अमावस्या 6 अक्टूबर 2021 बुधवार को है।सर्व पितृ अमावस्या का दिन पितरों की विदाई का दिन है।इस दिन पितरों का तर्पण करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।

यह श्राद्ध पक्ष चल रहा है, इस अवधि में पितरों के तर्पण हेतु कर्मकांड किए जाते हैं। ऐसा करने से पितृ ऋण और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। भाद्रपद पूर्णिमा से पितृ पक्ष आरंभ होता है और सर्व पितृ अमावस्या यानि आश्विन अमावस्या के दिन समाप्त होता है। सर्व पितृ अमावस्या 6 अक्टूबर 2021 बुधवार को है। इसी दिन श्राद्ध का समापन होगा। सर्व पितृ अमावस्या श्राद्ध का अंतिम दिन होने के साथ-साथ महत्वपूर्ण दिन भी होता है। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में हमारे दिवंगत परिजन धरती में विचरण करने आते हैं और आश्विन माह की अमावस्या के दिन पुनः परलोक चले जाते हैं। एक प्रकार से सर्व पितृ अमावस्या का दिन पितरों की विदाई का दिन है। 

सर्व पितृ अमावस्या मुहूर्त-
आश्विन अमावस्या प्रारंभ- 05 अक्तूबर 2021 को शाम 07 बजकर 04 मिनट से
आश्विन अमावस्या समाप्त- 06 अक्तूबर 2021 को शाम 04 बजकर 34 मिनट तक

इस विधि से करें पितरों को विदा
इस दिन प्रातः उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। अब श्राद्ध के लिए सात्विक भोजन तैयार करें। पकवान में से थोड़ा-थोड़ा भोजन निकाल कर एक थाली में लगाएं। अब अपने घर के आंगन में या छत पर जाकर पत्तल को दोनों में भोजन को जल के साथ रखें। अब पितरों से उसे ग्रहण करने का आग्रह करें और किसी भी त्रुटि के लिए उनसे क्षमा मांगे। शाम के समय सरसों के तेल के दीपक जलाकर चौखट पर रखें। अब पितरों से आशीर्वाद बनाए रखने और परलोक लौटने का आग्रह करें।

सर्व पितृ अमावस्या का महत्व
वैसे तो हर माह की अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है। इस दिन उनका तर्पण, पिंडदान आदि किया जाता है। लेकिन आश्विन माह में पड़ने वाली सर्व पितृ अमावस्या बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। सर्व पितृ अमावस्या केवल श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन ही नहीं होता है, बल्कि इस दिन उन पितरों का भी श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु तिथि ज्ञात नहीं होती है। इस दिन विधि-विधान से पितरों का तर्पण करने से जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है। 

Web Title: Sarv Pitru Amavasya 2021 date muhurat vidhi and significance

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