ओड़िसा जिसे पहले उड़ीसा के नाम से जाना जाता था, भारत के पूर्वी तट पर स्थित एक राज्य है। ओड़िसा उत्तर में झारखंड, उत्तर पूर्व में पश्चिम बंगाल दक्षिण में आंध्र प्रदेश और पश्चिम में छत्तीसगढ़ से घिरा है तथा पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। यह उसी प्राचीन राष्ट्र कलिंग का आधुनिक नाम है जिसपर 261 ईसा पूर्व में मौर्य सम्राट अशोक ने आक्रमण किया था और युद्ध में हुये भयानक रक्तपात से व्यथित हो अंतत: बौद्ध धर्म अंगीकार किया था। आधुनिक ओड़िसा राज्य की स्थापना 1 अप्रैल 1936 को कटक के कनिका पैलेस में भारत के एक राज्य के रूप में हुई थी और इस नये राज्य के अधिकांश नागरिक ओड़िआ भाषी थे। राज्य में 1 अप्रैल को उत्कल दिवस (ओड़िसा दिवस) के रूप में मनाया जाता है। Read More
ओडिशा सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पत्रकारों के स्कूल जाने पर रोक लगा दी है। जानकारी के मुताबिक ओडिशा सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया है क्योंकि कुछ समाचार चैनलों ने स्कूल के बच्चों के वीडियो को प्रसारित किया था। इस वीडियो से अंदाजा लगाया जा सकता है कि स ...
आपको बता दें कि इससे पहले राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने ‘ओडिशा की बेटी’ बताया था उनको पूरा समर्थन देने की बात कही थी। जबकि ओडिशा कांग्रेस ने द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने से इन्कार कर दिया था। ...
पुलिस अधिकारी के मुताबिक घटना सोमवार की है, जब कक्षा तीन में पढ़ने वाली पीड़िता सदर थाना क्षेत्र के एक गांव में स्थित अपने घर लौट रही थी। तभी आरोपी किशोर लड़के उसे जबरन सुनसान जगह पर ले गए और उसके साथ दुष्कर्म किया। ...
ओडिशा के पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा के लिए 'पहंडी' अनुष्ठान शुरू हो गया है। कोरोना वायरस महामारी के बाद दो साल के अंतराल के बाद इस बार रथ यात्रा में भक्तों की भागीदारी की अनुमति दी गई है। ...
सीएम नवीन पटनायक ने मस्जिद जाने का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया, ''अबू धाबी की शेख जायद मस्जिद का गुंबद मुगल वास्तुकला से प्रेरित भव्य नक्काशी का प्रतीक है। मुझे बताया गया है कि इसके लिए कारीगर और संगमरमर भी राजस्थान के मकराना गांव से आए थे। थोड़ा ...
Jagannath Rath Yatra 2022: दो साल के अंतराल के बाद शहर में पूर्ण रूप से रथ यात्रा निकाली जाएगी, क्योंकि 2020 और 2021 में कोविड-19 महामारी के कारण यह वृहद धार्मिक आयोजन सीमित तौर पर हुआ था। ...
मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा के अवसर पर जगन्नाथ जी, बलभद्र जी और सुभद्रा जी को 108 घड़े के जल से स्नान कराया गया। इस महान अवसर को सहस्त्रधारा स्नान कहा जाता है। लेकिन बाद में इस स्नान के कारण वे सभी बीमार हो गए और जड़ी-बूटियों से उनका इलाज किय ...
Jagannath Rath Yatra 2022: वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के दौरान ये तीन रथ अपनी शाही संरचना और शानदार शिल्प कला के चलते हमेशा चर्चा में रहते हैं। यह रथ यात्रा 12वीं सदी के जगन्नाथ मंदिर से लेकर गुंडिचा मंदिर तक निकाली जाती है। ...