नवरात्रि यानी 'नौ-रात'। हिन्दू धर्म में ये त्योहार वर्ष में चार बार आता है-चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ। चैत्र में चैत्र नवरात्रि और अश्विन में इस पर्व को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इन दो नवरात्रि से ठीक पहले गुप्त नवरात्रि आते हैं, जिन्हें गुप्त एवं तांत्रिक साधनाओं के लिए जाना जाता है। लेकिन हिन्दू परिवारों में चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व है और इसे ही विशेष रूप से मनाया जाता है। Read More
25 मार्च से चैत्र नवरात्रि आरम्भ हो चुका है जिसका समापन 2 अप्रैल को महानवमी पावन पर्व के साथ समाप्त होगा। चैत्र नवरात्रि को वासंतिक नवरात्र भी कहा जाता है। चैत्र नवरात्रि के तृतीया को मां दुर्गा के स्वरूप देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। ...
पूरा देश इस समय कोरोना के संकट से जूझ रहा है। चीन से आया ये घातक वायरस धीरे-धीरे अपनी जड़ पूरे देश में फैलाता जा रहा है। इससे बचने के लिए लगातार लोगों से अपील की जा रही है कि वो घर में रहें। इसी के चलते देश में 21 दिन के लाकडाउन कर दी गया है। इसी बीच ...
मां ब्रह्मचारिणी ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए करीब तीन हजार वर्षों तक केवल बिल्व पत्र, फल-फूल ग्रहण किया और किसी भी प्रकार के अनाज को हाथ नहीं लगाया। ...
मंदिर में नवरात्रि से जुड़े कार्यक्रमों के अलावा वार्षिक महायज्ञ जारी रहा। आमतौर पर 40,000 से 50,000 श्रद्धालु नवरात्रि के पहले दिन पूजा अर्चना के लिए यहां आते हैं। ...
कोरोना वायरस के चलते जब पूरे देश में लॉकडाउन है, देश के सभी बड़े मंदिर और पर्यटन स्थल बंद हैं, ऐसे में विंध्याचल धाम को भी एक सप्ताह पूर्व ही बंद कर दिया गया था। ...
गुड़ी पड़वा पड़वा महाराष्ट्र का प्रमुख त्योहार है। इस पर्व को चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानि पहले दिन मनाने का रिवाज है। मराठी त्योहार गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) हिन्दू नववर्ष के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। हिन्दू नववर्ष , आज यानि 25 मार्च से ...