Chaitra Navratri 2020: चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन होगी मां चंद्रघंटा की पूजा, जानें पूजन विधि और मंत्र

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 27, 2020 06:48 AM2020-03-27T06:48:24+5:302020-03-27T06:48:24+5:30

25 मार्च से चैत्र नवरात्रि आरम्भ हो चुका है जिसका समापन 2 अप्रैल को महानवमी पावन पर्व के साथ समाप्त होगा। चैत्र नवरात्रि को वासंतिक नवरात्र भी कहा जाता है। चैत्र नवरात्रि के तृतीया को मां दुर्गा के स्वरूप देवी चंद्रघंटा की पूजा की जाती है।

chaitra navratri 2020 third day goddess chandraghanta know puja vidhi roop mantra | Chaitra Navratri 2020: चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन होगी मां चंद्रघंटा की पूजा, जानें पूजन विधि और मंत्र

देवी चंद्रघंटा (फाइल फोटो)

Highlightsदेवी चंद्रघंटा के पूजन के समय भूरे या सुनहरे रंग का वस्त्र पहनना शुभ माना गया है.मां दुर्गा के इस स्वरूप को खीर या शहद का भोग लगाने की परंपरा है.

चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन (27 मार्च) को मां दुर्गा के स्वरूप देवी चंद्रघंटा की पूजा होगी। इस दिन मां की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। देवी चंद्रघंटा की कृपा से उपासकों के समस्त पाप और बाधाएं खत्म हो जाती है। आज पूजा करने से मनुष्य के समस्त सांसारिक कष्ट दूर हो जाते हैं।

भूरे रंग का वस्त्र पहनकर करें पूजन

देवी चंद्रघंटा के आराधना के समय श्रद्धालुओं को भूरे रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए। मां चंद्रघंटा का वाहन सिंह है तो सुनहरे रंग का कपड़ा पहनना भी शुभ माना गया है। देवी चंद्रघंटा को दूध, शहद या खीर का भोग लगाना चाहिए। 

देवी चंद्रघंटा का पूजन मंत्र

पिंडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं, चंद्रघंटेति विश्रुता।।

इसके अलावा मां का आशीर्वाद पाने के लिए इस मंत्र का 108 बार जाप करने से फायदा मिलेगा।

या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नम:।।

इस विधि से करें पूजन

सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करके भूरे या सुनहरे रंग का वस्त्र पहनें। घर में जहां कलश स्थापना हुई है वहां लाल रंग के आसन पर देवी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठ जाएं। भोग चढ़ाने के बाद स्फटिक की माला लें और ऊपर दिए मंत्रों का 108 बार जाप करें।

देवी चंद्रघंटा की पूजा से मिलेगा ये फल    

देवी चंद्रघंटा की पूजा करने से आपके चेहते पर तेज आएगा। इसके अलावा उपासक पराक्रमी और निर्भय हो जाता है। इसके अलावा देवी प्रेतबाधा से भी उपासकों की रक्षा करती हैं। मां चंद्रघंटा को अलौकिक शक्तियों वाली देवी माना गया है तो इस दिन साधना से अलौकिक सुखों की प्राप्ति होती है।

स्वर्ण के समान चमकीला है मां का रंग

माता चंद्रघंटा का रंग स्वर्ण के समान चमकीला है। माता के तीन नैत्र और दस हाथ हैं। इनके कर-कमल गदा, बाण, धनुष, त्रिशूल, खड्ग, खप्पर, चक्र और अस्त्र-शस्त्र हैं, अग्नि जैसे वर्ण वाली, ज्ञान से जगमगाने वाली दीप्तिमान देवी हैं चंद्रघंटा। ये शेर पर आरूढ़ है तथा युद्ध में लड़ने के लिए उन्मुख है।

मां दुर्गा के नौ स्वरूप

नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के रूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा होती है।
 

English summary :
On the third day (March 27) of Chaitra Navratri, Devotee worship of Goddess Chandraghanta in the form of Goddess Durga. Worshiping Chandraghanta, With the grace of Goddess Chandraghanta, all sins and obstacles of worshipers are removed.


Web Title: chaitra navratri 2020 third day goddess chandraghanta know puja vidhi roop mantra

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