हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति का त्योहार बेहद खास और महत्वपूर्ण माना जाता है। सूर्य के राशि परिवर्तन को ही संक्रांति कहते हैं। इस तरह साल में 12 संक्रांति आते हैं। पौष मास में जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तभी मकर संक्रांति का पर्व को मनाया जाता है। वर्तमान समय में जनवरी के चौदहवें या पन्द्रहवें दिन इसे मनाया जाता है। मकर संक्रांति के साथ एक माह से चला रहा खरमास या मलमास खत्म हो जाता है और शुभ कार्य शुरू किए जाते हैं। परंपराओं के अनुसार मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व है। साथ ही दान आदि भी किया जाता है। इस दिन तिल का महत्व काफी खास हो जाता है। तिल का दान, और इसका सेवन शुभ माना गया है। मकर संक्रांति के दिन गुजरात में अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव भी मनाया जाता है। Read More
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जी-20 के ध्येयवाक्य (थीम) ‘ एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य’ पर आधारित अंतरराष्ट्रीय पतंग उत्सव, 2023 का उद्घाटन किया जिसमें 68 देशों के करीब 125 पतंगबाज हिस्सा लेंगे। ...
इस वर्ष सूर्य 14 जनवरी 2023 को रात 08 बजकर 57 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेंगे। किंतु हिंदू धर्म में उदयातिथि में पर्व मनाने की परंपरा है। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी। ...
खरमास के कारण विवाह एवं अन्य प्रकार के मांगलिक कार्यों में विराम लग गया है। जनवरी 2023 की 14 तारीख को खरमास समाप्त हो जाएगा और 15 जनवरी मकर संक्रांति से पुनः मागलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। ...
जनवरी 2023 में लोहड़ी, मकर संक्रांति के अलावा पौष पुत्रदा और षटतिला एकादशी व्रत, पोंगल, पौष पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण व्रत त्योहार भी आएंगे। ये रही व्रत त्योहार की पूरी लिस्ट- ...
आज सूर्य ग्रह दोपहर 02:43 बजे धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर चुके हैं। इस राशि में सूर्य 13 फरवरी 2022 , रविवार को तड़के 03:41 बजे तक स्थित रहेंगे। ...
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच जहां एक ओर हरकी पैड़ी को जिला प्रशासन ने सील कर दिया है तो वहीं देश के अन्य राज्यों से मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं की स्नान करते हुए तस्वीरें सामने आ रही हैं। ...