महाभारत हिंदुओं के सबसे प्रमुख ग्रंथों में से एक है। इसे महाकाव्य भी कहते हैं। इसकी रचना वेदव्यास ने की थी। इस ग्रंथ में प्रचीन भारत के धार्मिक, पौराणिक, और दार्शनिक समाज का एक रूप देखने को मिलता है। महाभारत में मुख्य रूप से कौरव और पांडवों के बीच 18 दिनों तक चले युद्ध और उसके पहले की भूमिका का वर्णन है। इस युद्ध में पांडवों ने कौरवों को हराया था। Read More
महाभारत के युद्ध में श्रीकृष्ण के पांडव के साथ थे। दुर्योधन भी इस बात को जानता था कि श्रीकृष्ण कभी उसका साथ नहीं देंगे। इसके बावजूद उसे अपनी बेटी के कृष्ण के बेटे के साथ विवाह के लिए तैयार होना पड़ा। ...
Anant Chaturdashi: अनंत चतुर्दशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है और यह हर साल भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है। इसी दिन गणेशोत्सव का भी समापन होता है। ...
Srimad Bhagavad Gita: महाभारत के युद्ध के शुरू होने से ठीक पहले अर्जुन जब पशोपेश में थे, उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने उन्हें वह परमज्ञान दिया जिसे आज हम 'गीता' के नाम से जानते हैं। ...
Mahabharat: महाभारत के जिस प्रकरण की सबसे ज्यादा आलोचना होती है, वह है द्रौपदी का चीरहरण। यह घटना इसलिए हैरान करती है कि जहां सबकुछ हो रहा था वहां उस समय के सभी बड़े महारथी बैठे हुए थे और किसी ने विरोध का स्वर प्रकट नहीं किया। ...
Janmashtami 2019: कंस के वध के बाद श्रीकृष्ण 12 साल की उम्र में शिक्षा हासिल करने के लिए गुरु संदीपनि के आश्रम चले गये। इस दौरान उन्होंने अपने गुरू से 14 विद्या और 64 कलाओं का ज्ञान मिला। ...
महाभारत की कथा के अनुसार जिस समय युद्ध की तैयारी चल रही थी तभी एक दिन बलराम पांडवों के शिविर में आये। यह देख श्रीकृष्ण समेत सभी पांडव भाई भी खुश हुए और उनका स्वागत किया। बलराम सीधे जाकर धर्मराज युधिष्ठिर के पास बैठ गये। ...
महाभारत की कथा के अनुसार जब धृतराष्ट्र के दरबार में द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था और सभी चुप्पी साधे हुए थे, उस समय विकर्ण ही एक ऐसे शख्स थे जिन्होंने इसका खुलकर विरोध किया और ऐसा होने से रोकने की कोशिश की। ...
मान्यता है कि भगवान कृष्ण का जन्म आधी रात को हुआ था। इसलिए इस दिन आधी रात को भगवान कृष्ण के जन्म के बाद पूजा की जाती है भक्तों में प्रसाद वितरण किया जाता है। यही नहीं, जन्माष्टमी व्रत को करने वाले साधक इस दिन अन्न ग्रहण नहीं करते हैं। ...