चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यता है कि जो कोई भक्त मां के इस रूप की पूजा करता है मां उसकी मुरादें शीघ्र पूरी करती हैं। ...
मां कूष्मांडा की आठ भुजाएं हैं। इनके सात हाथों में क्रमशः कमंडल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा है। आठवें हाथ में जपमाला है। मां शेर की सवारी करती हैं। मां कूष्मांडा सूर्यमंडल के भीतर के लोक में निवास करती हैं। ...
चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन 4 अप्रैल, सोमवार को मां चंद्रघंटा की पूजा होगी। मां चंद्रघंटा अपने भक्तों के भय और संकट को दूर करने वाली हैं। जो भक्त उनकी सच्चे मन से आराधना करता है उनकी समस्त प्रकार की मुरादें पूरी होती हैं। ...
‘ब्रह्म’ शब्द का अर्थ तपस्या से है और ‘ब्रह्मचारिणी’ का अर्थ है- तप का आचरण करने वाली देवी। मां ब्रह्मचारिणी के दाहिने हाथ में तप की माला और बांए हाथ में कमंडल है। ...
चैत्र नवरात्रि व्रत 02 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं और 11 अप्रैल को समाप्त होंगे। ऐसे में नवरात्रि के लिए अब ज्यादा समय नहीं बचा है इसलिए आपको नवरात्रि की तैयारी जल्द से जल्द करनी होगी। ...