चन्द्रग्रहण उस खगोलीय घटना को कहते हैं जब चंद्रमा पृथ्वी से ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में चला जाता है। इस दौरान सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा एक ही क्रम में लगभग सीधी रेखा में आ जाते हैं। विज्ञान के इतर हिन्दू धर्म में ज्योतिष शास्त्र की चन्द्रग्रहण की अपनी एक परिभाषा है जिसके अनुसार चंद्रमा के आगे राहु-केतु नाम की खगोलीय बिंदु बन जाती है। राहु-केतु ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक छाया ग्रह हैं। इनके प्रभाव से व्यक्ति विशेष पर बुरा असर पड़ता है इसलिए शास्त्रों में ग्रहण से बचने के लिए विभिन्न उपाय दर्ज हैं। Read More
चंद्रग्रहण के दौरान ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए जहां चंद्र ग्रह की शांति के लिए मंत्रोच्चारण एवं शिव आराधना की जाती है। तो वहीं ग्रहण की समाप्ति के बाद भी कुछ विशेष उपाय करने आवश्यक हैं। ...
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, आज 580 सालों के बाद सबसे लंबी अवधि वाला आंशिक चंद्रग्रहण लग रहा है। इससे पहले 18 फरवरी 1440 में पड़ा था। आइए जानते हैं आज लगने वाले चंद्रग्रहण से जुड़े सारे सवालों के जवाब। ...
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, उपछाया चंद्रग्रहण वृष राशि और कृत्तिका नक्षत्र में लग रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण एक अशुभ अवधि होती है, इसके बुरे प्रभाव से बचने की सलाह दी जाती है। ...
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, यह उपछाया चंद्रग्रहण है जो वृषभ राशि और कृत्तिका नक्षत्र में लगेगा। भारतीय समयानुसार, चंद्रग्रहण सुबह 11 बजकर 34 मिनट से शुरू होगा जो शाम 05 बजकर 33 मिनट तक रहेगा। ...