इस्लाम एक एकेश्वरवादी धर्म है। इसकी स्थापना 570 ई. में हजरत मुहम्मद ने मक्का में की थी। हजरत मुहम्मद को 610 ई. में मक्का के पास हीरा नाम की गुफा में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। 24 सिंतबर को पैगंबर की मक्का से मदीना की यात्रा इस्लाम जगत में मुस्लिम संवत के नाम से जानी जाती है। इस्लाम अपने समय का काफी प्रगतिशील धर्मा रहा होगा क्योंकि हजरत मुहम्मद ने 25 साल की उम्र में खदीजा नाम की विधवा से शादी की थी। देवदूत ग्रैब्रियल ने पैगम्बर मुहम्मद को कुरान अरबी भाषा में संप्रेषित की। कुरान इस्लाम धर्म का पवित्र ग्रंथ है। हजरत मुहम्मद की मृत्यु 8 जून 632 ई. को हुई. इन्हें मदीना में दफनाया गया। हजरत मुहम्मद की मृत्यु के बाद इस्लाम शिया और सुन्नी दो पंथों में बंट गया। सुन्नी उन्हें कहते हैं जो सुन्ना में विश्वास रखते हैं। सुन्ना हजरत मुहम्मद के कथनों और कार्यों का विवरण है। शिया अली की शिक्षाओं में विश्वास रखते हैं और उन्हें हजरत मुहम्मद का उत्तराधिकारी मानते हैं। अली, हजरत मुहम्मद के दामाद थे। Read More
Viral Video: बांग्लादेश में जमात-ए-इस्लामी के छात्र विंग के कैडर के रूप में पहचाने जाने वाले फ़ारोकुल इस्लाम कथित तौर पर अकेले पाए जाने पर या बुर्का या हिजाब नहीं पहनने पर महिलाओं पर छड़ी से हमला कर रहा है, जिससे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर आक्रोश ...
युवती ने आरोप लगाया कि पांच जुलाई 2024 को समुदाय विशेष के लोग बहला फुसलाकर उसे भगाकर एक जगह ले गये। पीड़िता पर दबाव बनाया गया कि तुम इस्लाम स्वीकार करो, लेकिन जब वह तैयार नहीं हुई तो उससे कई बार बलात्कार किया गया। ...
पुलिस ने बताया था कि हाल में नासिक जिले में सिन्नर तालुका के शाह पंचाले गांव में एक धार्मिक आयोजन के दौरान रामगिरी महाराज ने कथित आपत्तिजनक टिप्पणी की, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। ...
10 मोहर्रम 61 हिजरी यानी 10 अक्टूबर सन् 680 को हजरत हुसैन रजि. को यजद की सेना ने उस वक्त शहीद कर दिया, जब वे नमाज के दौरान सजदे में सर झुकाए हुए थे। ...
इस्लामिक कैलेंडर का नया साल हिजरी सन् 1446 आज 7 जुलाई से शुरू हो गया। 15 जुलाई सन् 622 ईसवी को पैग़म्बर ए इस्लाम हज़रत मोहम्मद सअवस ने मक्का से मदीना हिजरत की, जिसकी याद में हिजरी सन् की शुरुआत की गई। ...
सऊदी अरब के हज संबंधित कानून के अनुसार अगर हज के दौरान किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसका शव वापस उसके देश में परिजनों के पास नहीं भेजा जाता। शव को सऊदी अरब में ही दफना दिया जाता है। ...
Bakrid 2024: बकरीद के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग ईदगाहों और मस्जिदों में जमात के साथ नमाज अदा करते हैं। त्योहार की शुरुआत सुबह नमाज अदा करने के साथ होती है। लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के घर भी जाते हैं और एक दूसरे को बधाई देते हैं। ...