27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बों में गोधरा स्टेशन पर हुए अग्निकांड में 59 लोग जिंदा जल गए थे। जिनमें अयोध्या से लौट रहे 50 लोग कार सेवक थे। गोधरा स्टेशन पर हुई इस घटना के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। इस हिंसा में एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे। इस मामले में अभी तक 94 में से 63 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। कुल 31 आरोपियों को दोषी करार देकर उनमें से 11 को फांसी तथा 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। गोधरा स्टेशन अहमदाबाद से लगभग 130 किलोमीटर दूरी पर है। Read More
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गोधरा कांड पर बोलते हुए संसद में कहा कि यह सच है कि उस समय के रेल मंत्री ने घटना को अलग एंगल देने की कोशिश की थी, जिसमें 59 बेगुनाह लोगों को जिंदा जला दिया गया था। गृह मंत्री शाह ने लालू यादव का नाम न लेते हुए कहा कि व ...
27 फरवरी 2002 की तारीख भारत के इतिहास का एक काला अध्याय है, जिसे गोधरा कांड के नाम से जाना जाता है। आज इस काले अध्याय को 19 साल हो गये। दरअसल इसी दिन गुजरात के गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के कोच S-6 में उन्मादी भीड़ ने आग लगा दी थी। इस भी ...
गोधरा स्टेशन पर ट्रेन में आग लगाए जाने के मामले में मुख्य आरोपी रफीक हुसैन भटुक को गिरफ्तार कर लिया गया है। रफीक पिछले 19 साल से फरार था। साल 2002 में गोधरा कांड में 59 कारसेवक मारे गए थे। ...
देश के महान क्रांतिकारी एवं स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आजाद ने ब्रिटिश पुलिस के साथ मुठभेड़ में गिरफ्तारी से बचने के लिए इलाहाबाद के अल्फ्रेड पार्क में खुद को गोली मार ली। ...
नानावती आयोग ने गुजरात में 2002 के दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को क्लीन चिट दे दी है। इन दंगों में 1000 से अधिक लोग मारे गए थे जिनमें से अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय के थे। गुजरात के गृह मंत्री प्रदीपसिंह जडेजा ने ...