अमित शाह ने संसद में कहा, 'लालू यादव ने गोधरा ट्रेन कांड को 'साजिश' नहीं बल्कि 'दुर्घटना' बताने की कोशिश की'
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 6, 2022 10:50 PM2022-04-06T22:50:43+5:302022-04-06T22:54:27+5:30
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गोधरा कांड पर बोलते हुए संसद में कहा कि यह सच है कि उस समय के रेल मंत्री ने घटना को अलग एंगल देने की कोशिश की थी, जिसमें 59 बेगुनाह लोगों को जिंदा जला दिया गया था। गृह मंत्री शाह ने लालू यादव का नाम न लेते हुए कहा कि वो ये जानते थे कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एक पूर्व जज रेल कांड की जांच कर रहे हैं, उसके बाद भी उन्होंने अलग से नई कमेटी बनाई।
दिल्ली: संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि साल 2002 में हुए गोधरा रेलकांड को दुर्घटना बताने के लिए तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने जांच आयोग का गठन किया था।
संसद से आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक पर बहस करते हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद बृजलाल ने गोधरा कांड का जिक्र किया और हादसे की जांच के लिए तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा बनाये गये यूसी बनर्जी कमेटी पर सवाल उठाया।
सांसद बृजलाल ने गोधरा का जिक्र करते हुए कहा कि 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 डिब्बे में आग लगाकर 59 लोग मार डाला गया था।
उन्होंने कहा, "तत्कालीन रेल मंत्री लालू यादव ने इसकी जांच के लिए यूसी बनर्जी कमेटी बनाई, जिसने 17 जनवरी 2005 को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। यूसी बनर्जी कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया था कि गोधरा स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस में लगी आग दुर्घटनावश थी और एस-6 कोच में किसी ने साजिश के तहत आग नहीं लगाई थी।"
बृजलाल ने आगे कहा कि यूसी बनर्जी कमेजी ने अपनी जांच रिपोर्ट में ट्रेन कांड को हादसा साबित करने के लिए यहां तक कह दिया कि एस-6 कोच में यात्रा कर रहे साधुओं के द्वारा किये जा रहे धूम्रपान के कारण आग गलती से लग गई थी।
भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी रहे बृजलाल ने कहा कि निचली अदालत ने इस मामले में 11 दोषियों को फांसी की सजा दी और 20 अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। फांसी पाने वाले सभी दोषी हाईकोर्ट की शरण में गये और उन्हें वहां से कोई राहत नहीं मिली। लेकिन इस संसद में बैठने वाले कुछ विपक्षी दल के सदस्य उन आतंकियों से हमदर्दी रखते हैं।
बृजलाल ने जैसे ही इस तरह के आरोप लगाये पूरे सदन में हंगामा होने लगा और विपक्षी सदस्य उनके इस बयान की आलोचना करने लगे।
भाजपा सांसद बृजलाल के बयान को आपत्तिजनक बताते हुए राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि ऐसी कोई भी घटना चाहे वह कश्मीर में हुई हो या गोधरा में या दिल्ली में हुई हो। इसके लिए हम सभी सामूहिक रूप से जिम्मेदार हैं। आप अपनी सुविधानुसार किसी पर दोष नहीं दे सकते।
मनोज झा ने जैसे ही यह बात कही, सदन में मौजूद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपनी सीट से उठ गये और कहा, "शायद झा (मनोज झा) ने बृजलाल का भाषण ठीक से नहीं सुना, उन्होंने अपने वक्तव्य में कुछ भी आपत्तिजनक और अतार्किक नहीं कहा है।
अमित शाह ने आगे कहा, "यह सच है कि उस समय के रेल मंत्री ने घटना को अलग एंगल देने की कोशिश की थी, जिसमें 59 बेगुनाह लोगों को जिंदा जला दिया गया था।"
गृह मंत्री शाह ने लालू यादव का नाम न लेते हुए कहा कि वो ये जानते थे कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एक पूर्व जज रेल कांड की जांच कर रहे हैं, उसके बाद भी उन्होंने रेलवे अधिनियम का उपयोग करते हुए एक नई कमेटी बनाई।
अमित शाह ने कहा, "यूसी बनर्जी कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि गोधरा रेलकांड एक दुर्घटना थी, साजिश नहीं। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।"