देवेंद्र फड़नवीस भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के नेता हैं। वर्तमान( 2018) में वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं। वह महाराष्ट्र विधानसभा में नागपुर दक्षिण पश्चिम से विधायक हैं। इसके साथ ही वह बीजेपी के महाराष्ट्र के अध्यक्ष भी हैं। इनका जन्म 22 जुलाई 1970 को नागपुर महाराष्ट्र में हुआ था। देवेंद्र फड़नवीस के पिता गंगाधर राव भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनसंघ से जुड़े थे। Read More
संजय राउत ने महाराष्ट्र की नवगठित एकनाथ शिंदे सरकार के मंत्रिमंडल गठन में हो रही देरी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बारबाडोस की आबादी 2.5 लाख है, उसके बाद भी वहां की सरकार में 27 मंत्री हैं। हमारे यहां महाराष्ट्र में आबादी 12 करोड़ है, जिनके बारे में केव ...
Maharashtra Cabinet Expansion: महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिरने के बाद 30 जून को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के समर्थन से एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। ...
एकनाथ शिंदे की बगावत को पहले ही भांपकर उद्धव ठाकरे ने इस संकट से निपटने की कोशिश की थी। उद्धव ने देवेंद्र फड़नवीस से बात कर के डील करने की कोशिश की थी। ठाकरे ने सरकार बचाने के लिए मोदी-शाह से भी बात करने की कोशिश की लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिली। ...
शिवसेना शिंदे गुट के विधायकों ने कहा था कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बनी महाविकास अघाड़ी की सरकार में शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ जो गठबंधन किया था, वो अनैतिक था। ...
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने विपक्ष के दावे को खारिज करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार में सुपर सीएम की बात सरासर गलत है। हमारी सरकार में केवल एक मुख्यमंत्री हैं और वह एकनाथ शिंदे हैं। ...
एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस और मनसे प्रमुख राज ठाकरे की मुलाकात पर कहा कि किसी भी सरकार की प्रतिष्ठा और उपलब्धि तो उसके काम से मिलती है। इसलिए नहीं मिलती है कि कोई किसी के घर पर जाए। ...
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को सभी आवश्यक मंजूरी प्रदान कर दी है। शिंदे सरकार के इस फैसले पर एनसीपी ने कहा है कि मुख्यमंत्री को गुजरात सरकार के सामने झुकने के बजाए राज्य के लोगों के हित के जरूरी मसल ...
2014-2019 तक सत्ता में रही देवेंद्र फड़नवीस सरकार ने इन कार्यकर्ताओं को पेंशन मुहैया कराने का फैसला किया था। इन कार्यकर्ताओं को 1975 से 1977 के बीच जेल में रहने की अवधि के हिसाब से पांच हजार रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक पेंशन दी जाती थी। ...