संजय राउत ने महाराष्ट्र में की राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग, शिंदे सरकार पर तंज कसते हुए कहा, 'कौन सी सरकार, कौन सा संविधान, 12 करोड़ की आबादी के बारे में दो लोग ले रहे हैं फैसला'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 17, 2022 07:19 PM2022-07-17T19:19:07+5:302022-07-17T19:25:59+5:30
संजय राउत ने महाराष्ट्र की नवगठित एकनाथ शिंदे सरकार के मंत्रिमंडल गठन में हो रही देरी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बारबाडोस की आबादी 2.5 लाख है, उसके बाद भी वहां की सरकार में 27 मंत्री हैं। हमारे यहां महाराष्ट्र में आबादी 12 करोड़ है, जिनके बारे में केवल दो लोग मनमाने तरीके से फैसले कर रहे हैं।
मुंबई: उद्धव ठाकरे गुट वाले शिवसेना के सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की वकालत की है। राउत का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ जब तक शिवसेना के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की याचिका पर फैसला नहीं दे देती तब तक सूबे में राष्ट्रपति शासन लगना चाहिए।
इसके साथ ही संजय राउत ने महाराष्ट्र की नवगठित एकनाथ शिंदे सरकार के मंत्रिमंडल गठन में हो रही देरी पर कटाक्ष करते हुए कहा, "बारबाडोस की आबादी 2.5 लाख है, उसके बाद भी वहां की सरकार में 27 मंत्री हैं। हमारे यहां महाराष्ट्र में आबादी 12 करोड़ है, जिनके बारे में केवल दो लोग मनमाने तरीके से फैसले कर रहे हैं। उन्होंने कहा कहां है सरकार का सम्मान, संविधान का सम्मान।
इसके साथ ही राज्यसभा सांसद संजय राउत ने केंद्र से मांग की कि जब तक महाराष्ट्र में शिवसेना के बागी विधायकों की अयोग्यता के मसले पर देश की सर्वोच्च अदालत फैसला नहीं दे देती, तब तक सूबे में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
उन्होंने शिंदे सरकार के मंत्रिमंडल गठन में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "संविधान के अनुच्छेद 164 (1-ए) के मुताबिक राज्य में मुख्यमंत्री समेत कुल मंत्रियों की संख्या 12 से कम नहीं होनी चाहिए। जबकि पिछले 2 सप्ताह से महाराष्ट्र में जितने भी सरकारी फैसले हो रहे हैं वो सिर्फ दो मंत्रियों वाली कैबिनेट ले रही है, जो संवैधानिक रूप से अमान्य है।"
इस मामले में उन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से सवाल करते हुए कहा, "माननीय राज्यपाल महोदय, आप ही बताएं कि आखिरकार इस प्रदेश में क्या चल रहा है?" मालूम हो कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार के सरकार गिरने के बाद शिवसेना के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंकने वाले एकनाथ शिंदे ने बीते 30 जून को भाजपा के साथ साझेदारी करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के साथ सरकार बनाई थी, जिसमें फड़नवीस डिप्टी सीएम बने हैं।
खबरों के मुताबिक 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के मतदान के पश्चात महाराष्ट्र में नए मंत्रिपरिषद का गठन हो सकता है। इस संबंध में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि शिंदे सरकार में मंत्रिमंडल का विस्तार आगामी 20 या 21 जुलाई को किया जा सकता है।
वहीं इस मामले में संजय राउत ने बिल्कुल नये तरीके से अपनी बात रखते हुए कहा, "महाराष्ट्र में कैबिनेट का विस्तार नहीं होने के लिए राजनैतिक कारण जिम्मेदार नहीं हैं बल्कि इसके संवैधानिक समस्या है। चूंकि इस समय शिवसेना के 40 बागी विधायक सुप्रीम कोर्ट के सामने अयोग्यता के खतरे का सामना कर रहे हैं। इसलिए अगर वे बतौर मंत्री शपथ ले भी लेते हैं तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित किये जाने की सूरत में उन्हें शिंदे सरकार से बाहर जाना होगा और खुद एकनाथ शिंदे को भी गद्दी छोड़नी होगी। इसलिए महाराष्ट्र सरकार अभी मंत्रिपरिषद का विस्तार नहीं कर रही है।" (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)