महाराष्ट्र: मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को सभी आवश्यक मंजूरी प्रदान की, एनसीपी ने की आलोचना
By शिवेंद्र राय | Published: July 15, 2022 05:09 PM2022-07-15T17:09:00+5:302022-07-15T17:12:58+5:30
महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को सभी आवश्यक मंजूरी प्रदान कर दी है। शिंदे सरकार के इस फैसले पर एनसीपी ने कहा है कि मुख्यमंत्री को गुजरात सरकार के सामने झुकने के बजाए राज्य के लोगों के हित के जरूरी मसलों पर काम करना चाहिए।
मुंबई: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की अगुआई में गठित नई सरकार ने धड़ाधड़ फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार में जिस बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था उसे फिर से पटरी पर लाने का फैसला किया गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को सभी आवश्यक मंजूरी प्रदान कर दी है। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की राह में सबसे बड़ी बाधा भूमि अधिग्रहण है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि यो मुद्दा भी जल्द सुलझा लिया जाएगा। रेल मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार ने परियोजना के लिए जरूरी भूमि दिसंबर तक उपलब्ध कराने का वादा किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए महाराष्ट्र में 431 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है। लेकिन अभी तक सिर्फ 72 प्रतिशत भूमि ही अधिग्रहित की जा सकी है। इसमें भी केवल 39 प्रतिशत भूमि पर ही परियोजना पर काम रही एजेंसी को कब्जा मिला है। इस परियोजना से जुड़ी शर्तों के मुताबिक जब तक 90 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण नहीं हो जाता तब तक नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड कोई भी टेंडर नहीं निकाल सकती। अब महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुलेट ट्रेन परियोजना से जुड़ी सभी जरूरी मंजूरी प्रदान कर दी है। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पर काम तेजी से आगे बढ़ेगा।
हालांकि बुलेट ट्रेन परियोजना को मंजूरी देने के बाद से ही शरद पवार की एनसीपी नई सरकार पर हमलावर है। एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा है कि राज्य की अवैध एकनाथ शिंदे सरकार ने तेजी से बुलेट ट्रेन परियोजना को मंजूरी दी है। एनसीपी प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि एकनाथ शिंदे गुजरात सरकार के सामने झुक गए हैं। उन्हें गुजरात सरकार के सामने झुकन के बजाय राज्य से संबंधित जरूरी मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।